सीहोर। भारतीय संस्कृति में गुरु को अत्यधिक सम्मानित स्थान प्राप्त है। भारतीय इतिहास पर नज़र डाले तो उसमें गुरु की भूमिका समाज को सुधार की ओर ले जाने वाले मार्गदर्शक के रूप में होने के साथ क्रान्ति को दिशा दिखाने वाली भी रही है। भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर माना गया है। भक्ति कभी समाप्त नहीं होना चाहिए, मनुष्य की इच्छा और आकांक्षा कभी समाप्त नहीं होना चाहिए। उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में जारी श्री गुरु श्री शिव महापुराण के अंतिम दिन भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहे। इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने शिव महापुराण का श्रवण किया।
उन्होंने कहा कि भगवान पर भरोसा, आस्था और विश्वास पक्का होना चाहिए। भगवान भोलेनाथ को पता था कि समुद्र मंथन से अमृत निकलेगा लेकिन उन्होंने विष को ग्रहण करना उचित समझा। देवताओं ने अमृत तो खुद ग्रहण कर लिया लेकिन विष भोलेनाथ को भेज दिया, क्योंकि उन्हें पता था कि अगर इस दुनिया में विष को कोई पीने वाला है, संसार के कष्टों का निवारण करने वाला है तो वह मात्र शिव है। भगवान शिव शंकर को यदि भेजोगे, उनका नित्य स्मरण करोगे ,तो वह भी कष्टों का हरण करने में संकोच नहीं करेंगे। तुम्हारे लिए उत्पन्न होने वाला विष वह पीकर तुम्हे अमृत पान करा देंगे। ऐसे भोले हैं कि पाप करने वाले भी यदि शरण में पहुंच जाए तो उसका भी कल्याण कर देते हैं। भक्तों पर मेरे भोले बाबा की कृपा जरूर बरसेगी 3 माह के भीतर ही भक्तों की मनोकामना अवश्य पूरी होगी।
शिष्य को गुरु पर हमेश विश्वास होना चाहिए
भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि हमारी संस्कृति में हमेशा से गुरु-शिष्य के संबंध को बहुत अहम माना गया है। आध्यात्मिक पथ पर ऐसा क्या ख़ास है कि साधक को एक अनुभवी या आत्मज्ञानी गुरु की ज़रूरत होती है और क्या एक साधक को अपने गुरु के ऊपर पूरा भरोसा होना जरुरी है।
आज किया जाएगा भव्य दीक्षा समारोह
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि बुधवार को गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर भव्य गुरु दीक्षा समारोह का आयोजन किया जाएगा। कुबेरेश्वरधाम पर भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के द्वारा यहां पर बने भव्य पंडाल से शिष्यों को सुबह नौ बजे से दीक्षा दी जाएगी, इसके अलावा दोपहर में एक बजे से समारोह का लाइव प्रसारण किया जाएगा। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भव्य भंडारे के अलावा आधा दर्जन से अधिक पंडाल लगाए गए है। दीक्षा समारोह में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का आने का क्रम शुरू हो गया है। जिसके कारण पूरा शहर सहित आस-पास का क्षेत्र भगवान शिव की नगरी में तब्दील हो गया है।
150 से अधिक प्रशासन के जवान रहेगे व्यवस्था में तैनात
कुबेरेश्वर धाम इंदौर-भोपाल रोड पर ग्राम चितावलिया हेमा में हैं। जहां सीहोर और आष्टा की तरफ से श्रद्धालु पहुंचेंगे। इस दौरान वाहनों की आवाजाही ज्यादा रहेगी। ऐसे में दुर्घटनाएं न हो इसके लिए यातायात पुलिस ने चितावलिया हेमा जोड़ के दोनों तरफ की सड़क को वन वे कर करने का फैसला लिया है। फोरलेन के एक हिस्से पर सिर्फ श्रद्धालु ही आ-जा सकेंगे और दूसरी तरफ से आम लोग आ जा सकेंगे। इसके लिए पुलिस विभाग और यातायात विभाग के करीब 150 से अधिक जवानों को वन वे पर तैनात किया जाएगा। इसके अलावा समिति के द्वारा भी व्यवस्था में सहयोग दिया जा रहा है। आटो और वाहनों के लिए अलग स्टैंड की व्यवस्था भी की गई है।
सावन माह में 16 जुलाई से शिव महापुराण की कथा
जानकारी के अनुसार सावन माह में आगामी 16 जुलाई से जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा के द्वारा आन लाइन आयोजन किया जाएगा।