कोरोना को नियंत्रित करने में बूस्टर डोज बेहद जरूरी : रिपोर्ट

नई दिल्ली । महामारी के जानलेवा वायरस कोविड 19 से बचाव के लिए वैक्सीनेशन जरूरी है पर वायरस के खिलाफ इम्युनिटी बढ़ाने के लिए बूस्टर डोज ही कारगर है। ये दावा अमेरिकी की प्रोसीडिंग ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (पीएनएएस) संस्था की रिपोर्ट में किया गया है। स्टडी में कहा गया है कि समय के साथ वायरस तेजी से ताकतवर होता जा रहा है इसलिए एहतियात जरूरी है। जेफरी पी टाउनसेंड और उनकी टीम ने अपने अध्ययन में पाया कि समय के साथ शरीर में कोविड के खिलाफ बनी हुई एंटीबॉडी और इम्यूनिटी का लेवल कम होने लगता है। इससे कोरोना से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। बूस्टर डोज लेने से एंटीबॉडी फिर से बन जाएगी। इससे कोरोना के लक्षण गंभीर नहीं होंगे। वैक्सीन लगने के बाद अगर कोई संक्रमित होता भी है तो स्थिति ज्यादा गंभीर नहीं होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी कुछ समय बाद घटने लगती है। ऐसे में एहतियात के तौर पर बूस्टर डोज लगना जरूरी हो गया है।
ध्यान रहे कि सरकार ने पहले बूस्टर डोज के लिए 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को चुना था लेकिन अब 18 साल के सभी लोग इसे लगवा सकते हैं। इसे सभी के लिए फ्री किया गया है। इससे पहले हाल ही में सरकार ने बूस्टर डोज लगाने के समय अंतराल को भी कम कर दिया था। इसके बाद से दूसरा डोज लगाने के 6 महीने बाद ही लोग वैक्सीन लगवा सकते हैं। पहले ये अंतराल 9 महीने का हुआ करता था। कोविड से बचाव के लिए सरकार ने ये सारे एहतियाती कदम हाल में उठाए हैं।
देश में शुक्रवार से फ्री बूस्टर डोज के 75 दिन के अभियान की शुरुआत हो गई है। अभियान के पहले ही दिन लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। पहले दिन 13 लाख 30 हजार लोगों ने बूस्टर डोज ली। बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या में पहले ही दिन 16 गुना बढ़ोतरी देखने को मिली। इससे पहले गुरुवार तक देश में सिर्फ 78 लाख लोगों ने बूस्टर डोज ली थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 18 से 59 वर्ष आयुवर्ग में बू्स्टर डोज लेने वालों की संख्या 90 लाख के पार हो गई है। वहीं, 60 साल से अधिक उम्र के 2.78 करोड़ लोग भी बूस्टर डोज ले चुके हैं।
उधर, भारत में पिछले 24 घंटों में 20,044 नए कोविड मामले सामने आए, 18,301 रिकवरी और संक्रमितों में से 56 लोगों की मौत दर्ज़ की गई। सक्रिय मामले 1,40,760 हैं। देशभर में सबसे ज्यादा कोरोना केस पश्चिम बंगाल में मिले हैं। राज्य में एक्टिव केस बढ़कर 30,043 हो गए हैं। यहां पॉजिटिविटी रेट 19.54 फीसदी है।