मैं आत्महत्या नहीं करूंगी, राष्ट्रपति को पत्र लिख मांगी इच्छामृत्यु

इलाज में लापरवाही के चलते लकवाग्रस्त हुईं शिक्षिका की आदर्श मिसाल

इन्दौर अत्यंत भावनात्मक तथा संवेदनशील मामले में सर्जरी के बाद लकवाग्रस्त हुईं एक सरकारी स्कूल टीचर ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। उन्होंने राष्ट्रपति को लिखें अपनी इच्छामृत्यु की अनुमति हेतु पत्र में कहा है कि मैं आत्महत्या नहीं करूंगी, क्योंकि मैं अपने छात्रों को जीने का साहस सिखाती हूं। अगर मैं खुद ही हार मान जाऊं, तो मेरा शिक्षकीय आदर्श टूट जाएगा। लेकिन दर्द इतना बढ़ चुका है कि इच्छा मृत्यु की अनुमति मांग रहीं हूं। एक शिक्षक के आदर्श को मूर्त रूप देती इन प्रेरणादायी शिक्षिका का नाम है चंद्रकांता जेठानी और वे जूनी इंदौर के जबरन कॉलोनी स्थित सरकारी स्कूल में पदस्थ हैं । 2020 में एक सर्जरी के बाद गलत इलाज के कारण उनका शरीर ओस्टियोजेनेसिस इंपरफेक्टा बीमारी के चलते लकवाग्रस्त हो गया है। इस कारण उन्हें कई तरह की शारीरिक पीड़ाओं से गुजरना पड़ रहा है। वे रोजाना ऑटो रिक्शा से स्कूल जाती हैं और व्हील चेयर पर बैठ बच्चों को आठ घंटे तक पढ़ाती है। उनका कहना है कि मैं बच्चों को शिक्षा देती हूं, इसलिए आत्महत्या नहीं करूंगी। उन्होंने अपनी संपत्ति भी अपने ही स्कूल के 6 बच्चों के नाम कर दी है तथा मृत्यु पश्चात शरीर एमजीएम मेडिकल कॉलेज को डोनेट करने को कहा हैं। राष्ट्रपति को लिखे शिक्षिका जेठानी के इच्छामृत्यु पत्र के बाद वहां की कार्रवाई हेतु जिला प्रशासन से जवाब-तलब किया गया है। इस मामले में सामाजिक न्याय विभाग के अफसर टीचर चंद्रकांता जेठानी टीचर की काउंसलिंग करेंगे।