अभियान 31 अगस्त तक होगा संचालित
भोपाल । बाल्यकालीन बीमारियों की रोकथाम हेतु 31 अगस्त तक संचालित दस्तक अभियान का शुभारंभ सोमवार को किया गया । अभियान के तहत 5 वर्ष तक की उम्र के बच्चों में प्रमुख बाल्यकालीन बीमारियों की समुदाय स्तर पर पहचान कर प्रबंधन किया जाएगा। जिससे कि बाल मृत्यु दर में अपेक्षित कमी लाई जा सके। स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त दल एएनएम, आशा एवं आंगनवाड़ी द्वारा 5 वर्ष तक की उम्र वाले परिवारों में घर-घर जाकर स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं की दस्तक दी जाएगी । अभियान का शुभारंभ जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, शहरी एवं ग्रामीण विकासखण्डों प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सिविल डिस्पेंसरी एवं हेल्थ एण्ड वेलनेस केन्द्रों से किया गया।
जयप्रकाश चिकित्सालय में दस्तक अभियान का जिला स्तरीय शुभारंभ राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला द्वारा बच्चों को विटामिन ए का घोल पिलाकर किया गया। डॉ. शुक्ला ने बताया कि विटामिन ए बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती हैं जिससे बच्चे बार-बार संक्रमण से ग्रसित होकर कुपोषित हो जाते है। दस्तक अभियान के अंतर्गत 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन “ए” के घोल की खुराक पिलाई जाएगी । छह माह के अंतराल में विटामिन “ए” की खुराक देने से रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि के साथ-साथ कुपोषण में कमी आती हैं एवं बाल जीवितता में 20 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती हैं।
दस्तक में मिलेंगी 10 सेवाएं
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ० प्रभाकर तिवारी ने बताया कि दस्तक अभियान के तहत 10 विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। जिसके अंतर्गत समुदाय में बीमार नवजात और बच्चों की पहचान एवं उनका प्रबंधन व रेफरल 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में शैशव एवं बाल्यकालीन निमोनिया की त्वरित पहचान, प्रबंधन एवं रेफरल, गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान, रेफरल एवं प्रबंधन, 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में डिजिटल हीमोग्लोबिनोमीटर के माध्यम से एनीमिया की स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, दस्त रोग की पहचान एवं नियंत्रण हेतु ओ.आर.एस. एवं जिंक के उपयोग संबंधी जागरूकता वृद्धि एवं गृहभेंट के दौरान ओ.आर.एस. पहुंचाना, 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए अनुपूरण, जन्मजात विकृतियों एवं विकासात्मक देरी की पहचान, शिशु एवं बाल्यकालीन आहार की समझाईश एन.सी.यू. एवं एन.आर.सी. से डिस्चार्ज बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग एवं फॉलोअप, आंशिक रूप से टीकाकृत अथवा टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों के टीकाकरण की स्थिति की जानकारी ली जाएगी। अभियान में विशेष रूप से हाईरिस्क, ए.एन.सी. प्रकरणों का चिह्नांकन किया जाएगा। मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा हाथ धुलाई की प्रक्रिया समझाई जाएगी।