अधीर रंजन के बोल पर सोनिया से माफी की मांग
अधीर रंजन ने कहा माफी मांग ली
नई दिल्ली विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा पत्रकारों के सामने राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू के लिए राष्ट्र पत्नी बोल दिया था। तुरंत बाद अधीरंजन चौधरी ने पत्रकारों के सामने माफी मांग ली थी, इस शब्द को नहीं दिखाने का अनुरोध किया था।
जैसे ही आज सदन की कार्यवाही शुरू हुई। सत्ता पक्ष ने इसे आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान बताकर, सोनिया गांधी से माफी मांगने की बात कहकर नारेबाजी शुरू कर दी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दोनों सदनों में महिला सांसदों के साथ नारेबाजी करते हुए, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग कर दी। दोनों सदन सत्ता पक्ष के सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
लोकसभा और राज्यसभा मैं हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहली बार दोपहर 12:00 बजे तक, और दूसरी बार 2:00 बजे तक के लिए स्थगित की गई है। अधिरंजन चौधरी ने सफाई देते हुए कहा की मीडिया के सामने भाषा का ज्यादा ज्ञान नहीं होने के कारण मेरे मुंह से राष्ट्र पत्नी निकल गया था।जिसकी माफी मैंने तुरंत मांग ली थी। सत्ता पक्ष अकारण मुद्दा बना रहा है।उन्होंने राष्ट्रपति पद को लेकर सम्मान की बात करते हुए कहा कि हम पहले ही माफी मांग चुके हैं। ऐसे में कोई मुद्दा ही नहीं बनता है।
बहरहाल सत्ता पक्ष द्वारा इस मुद्दे को काफी जोर-शोर से उठाया गया है। इसको देखते हुए यह कहा जा सकता है, कि सत्ता पक्ष विपक्षी हमलों का जवाब अब विपक्ष के तौर-तरीकों पर देने के लिए रणनीति बनाकर मैदान में हैं।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच पिछले 1 सप्ताह से चल रहे गतिरोध के बीच सत्ता पक्ष का विपक्ष के ऊपर यह बड़ा वार माना जा रहा है। पिछले 1 सप्ताह से विपक्ष काफी आक्रमक मुद्रा में था। अब सत्तापक्ष ने आक्रमक होकर अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जिस तरह का टकराव बन गया है। उसके बाद ऐसा नहीं लगता है कि संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चल पाएगी।
लोकसभा एवं राज्यसभा के लगभग 27 सांसदों का अभी तक निलंबन हो चुका है। निलंबित सांसदों के समर्थन में संपूर्ण विपक्ष संसद परिसर मैं गांधी प्रतिमा के समक्ष धरने में बैठा हुआ है। अभी तक राज्यसभा के 23 सांसद और लोकसभा के 4 सांसद निलंबित किए जा चुके हैं।
सत्ता पक्ष में आदिवासी और महिला के अपमान का मुद्दा बताकर विपक्ष को घेरने की जो नई रणनीति सत्ता पक्ष ने बनाई है। उस कारण विपक्ष के मुद्दे अब नेपथ्य में चले गए हैं। सत्ता पक्ष आक्रामकता के साथ विपक्ष पर हमलावर हो गया है।