मुख्यमंत्री ने राजकोट में नवनिर्मित ‘राम वन – द अर्बन फ़ॉरेस्ट’ का लोकार्पण किया

46.20 करोड़ रुपए विकास कार्यों का लोकार्पण तथा 5.94 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का शिलान्यास
राजकोट | मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राजकोट महानगर पालिका की ओर से आजी बांध के निकट 47 एकड़ भूमि पर अनुमानित 13.77 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित ‘राम वन’– द अर्बन फ़ॉरेस्ट का बुधवार को लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने भगवान श्री राम की प्रतिमा को वंदन कर राम वन का विहंगावलोकन किया तथा 23 इलेक्ट्रिक बसों व उसके चार्जिंग स्टेशन का लोकार्पण करते हुए बसों हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि राजकोट ने राम वन का निर्माण कर ‘ग्रीन राजकोट-क्लीन राजकोट’ के मंत्र को सही अर्थ में सार्थक किया है। जन्माष्टमी के पावन अवसर पर राम वन की भेंट के साथ विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण तथा शिलान्यास किए जाने से राजकोटवासियों का आनंद दुगुना हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारी टीम गुजरात ने नए-नए आयामों पर कार्य किया है, पर्यवरण के साथ तादात्म्य बनाते हुए सर्वग्राही एवं सर्वसमावेशी विकास साधा है और सांस्कृतिक वनों का निर्माण कर नई परम्परा स्थापित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधे में परमात्मा और पुष्प में परमेश्वर देखने की हमारी संस्कृति है। ऐसे में पर्यावरण का जतन करना हम सबका नैतिक दायित्व बनता है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के अंतर्गत राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के विक्रय में वृद्धि देखने को मिली है। सरकार ने सार्वजनिक परिवहन में अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक बसों का समावेश करने का दृष्टिकोण अपनाया है। राजकोट में आज 23 इलेक्ट्रिक बसों तथा उसके चार्जिंग सेंटर की भेंट मिली है। ऐसे में यह व्यवस्था राजकोट को प्रदूषण मुक्त तथा स्वच्छ वातावरण युक्त शहर बनाने में सहायता करेगी। पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मंगलवार को लाल क़िले से अमृत काल में देश का पाँच संकल्प लेने का आह्वान किया है। इसमें प्रथम संकल्प है विकसित भारत। विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात अनिवार्य है। प्रधानमंत्री के दो दशकों के नेतृत्व में गुजरात देश का मॉडल स्टेट तथा ग्रोथ इंजन बना है। पर्यावरण प्रिय विकास द्वारा प्रदूषण मुक्त तथा आत्मनिर्भर गुजरात बनाएँ।
‘जय श्री राम’ के नारे के साथ महापौर प्रदीप डव ने कहा कि रंगीला राजकोट आज राम वन के उद्घाटन से सांस्कृतिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी बना है। सभी क्षेत्र में राजकोट ने तेज़ विकास किया है। यातायात समस्याओं के निवारण के लिए भी पुलों का निर्माण किया गया है, जिनका आगामी समय में लोकार्पण किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि राम वन के निर्माण का मुख्य उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विरासत बनाए रखना है। आज जब सीमेंट-कंक्रीट के जंगल बढ़ रहे हैं, तब प्रकृति के संतुलन के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यक है। राजकोट महानगर पालिका द्वारा अर्बन फ़ॉरेस्ट में श्री राम के जीवन की थीम को जोड़े जाने से लोगों के लिए इस स्थल को पौराणिक काल के जीवंत अनुभव समान बनाने का उद्देश्य है। इसका मुख्य द्वार धनुष-बाण आकार का है और भगवान श्री राम के जीवन-चरित्र को जीवंत करने का प्रयास किया गया है। तदुपरांत राम वन में राम सेतु, एडवेंचर ब्रिज, प्राकृतिक जल स्रोत नवीनीकरण, चिल्ड्रन प्ले ग्राउंड, 1150 लोगों की कैपेसिटी वाला एम्फ़ीथियेर, राशि वन आदि अन्य आकर्षण विकसित किए गए हैं।
इसी प्रकार लगभग 80000 प्रजातियों के लगभग 25 ब्लॉक्स में से 2 ब्लॉक्स में मियावाकी थीम आधारित प्लांटेशन किया गया है। आधुनिक समय में पर्यावरण संरक्षण-रखरखाव के लिए न्यूनतम् स्थान का अधिकतम् उपयोग कर शुष्क एवं पथरीले स्थान पर जनसहयोग से जापानीज़ टेक्नोलॉजी के अनुसार मियावाकी थीम आधारित फ़ॉरेस्ट बनाने के लिए अलग-अलग प्रजातियों के पेड़, श्रब क्षुप, लताओं आदि प्रजातियों के पेड़ों की बुवाई कर उनका स्थायी रूप से जतन किया जाएगा। इस पद्धति का उपयोग कर पशु-पक्षी, आयुर्वेदिक तथा भरपूर ऑक्सीजन देने वाले वर्षा वनों के पेड़ों की बुवाई की गई है। राम वन के समग्र क्षेत्र के पेड़ों को ड्रिप इरीगेशन पद्धति से सिंचित किया जाएगा, जिससे पानी का उपयोग न्यूनतम् हो और विकासित होने वाले पेड़ों के लिए सीपेज साइकिल पानी का ही उपयोग किया जाएगा।
राम वन में 1.61 करोड़ रुपए की लागत से भगवान श्री राम के जीवन पर आधारित अलग-अलग 22 प्रतिकृतियाँ रखी गई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण सुरक्षा के विचार को केन्द्र में रख कर समग्र देश को वनों से भरपूर बनाने के अभियान के साथ अनेकविद् कार्य एवं प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। ऐसे में राजकोट में नवनिर्मित राम वन – द अर्बन फ़ॉरेस्ट भावी पीढ़ी को प्राकृतिक वातावरण से जोड़े रखने के अतिरिक्त प्रदूषण रोकने एवं पर्यावरण संरक्षण में अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। इसी प्रकार 80 फ़ीट रोड पर 11.63 करोड़ रुपए की लागत से 15200 वर्गमीटर में इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन का निर्माण किया गया है। इस चार्जिंग स्टेशन में 3100 वॉट केHT विद्युत कनेक्शन, 2500 वॉट के 2 ट्रांसफ़ॉर्मर, पैनल रूम, कैबल डक्ट, 240 किलो वॉट के 14 चार्जर सहित सभी इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग शेड आदि सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं।
राजकोट महानगर पालिका ने पहले चरण में 50 इलेक्ट्रिक बसों को स्वीकृति दी थी, जिनमें 23 बसों का पूर्व में लोकार्पण किया जा चुका है। इनमें 22 इलेक्ट्रिक बसें BRTS रोड पर तथा 1 इलेक्ट्रिक बस AIIMS के रूट पर चलाई जाती हैं। बुधवार को लोकार्पित की गई 23 मिडी इलेक्ट्रिक बसों में प्रत्येक में कुल 27 यात्रियों के लिए आरामदायक बैठक व्यवस्था की सुविधा होगी। ई-बस में फ़ुल्ली ऑटोमैटिक प्रवेश द्वार तथा इमर्जेंसी द्वार, यात्रियों की सुरक्षा के लिए SOS – Emergency Alarmकी सुविधा, कैमरा, GPS ट्रैकिंग सिस्टम, मनोरंजन के लिए रेडियो सिस्टम आदि जैसी सुविधाएँ हैं।
राजकोट शहर में बुधवार को मुख्यमंत्री के करकमलों से 46.20 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण तथा 5.94 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का शिलान्यास हुआ, जिसमें अमृत योजना के अंतर्गत वॉर्ड संख्या 12, 15, 17, 18 में ड्रैनेज पम्पिंग स्टेशन, वॉर्ड नं. 14 में गुरुकुल पम्पिंग स्टेशन में बनाई गई क़्वॉलिटी कंट्रोल लैबोरैटरी का लोकार्पण, वॉर्ड नं. 3 व 4 में नए वॉर्ड कार्यालय और वॉर्ड नं. 2 में बजरंगवाडी में स्वास्थ्य केन्द्र का शिलान्यास किया गया। राम वन के लोकार्पण के साथ पवित्र श्रावण माह एवं आगामी सातम-आठम के त्योहारों को ध्यान में रखते हुए 28 अगस्त तक राम वन में आने वाले नगरजनों को नि:शुल्क प्रवेश दिया जाएगा। महानुभावों ने सभी नगरजनों से राम वन को देखने आने की अपील की।