श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों ने सीमा पार से घुसपैठ की एक और कोशिश को नाकाम कर दिया है। अरनिया बॉर्डर पार कर रहे एक घुसपैठिए को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने गिरफ्तार कर लिया है। सुरक्षा बल उससे पूछताछ कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ ने सियालकोट निवासी मोहम्मद शाबाद (45) को सीमा पार से अरनिया सेक्टर में घुसने की कोशिश करते देखा। उसे चेतावनी देने के लिए बीएसएफ ने कुछ गोलियां चलाईं, फिर उसे हिरासत में ले लिया। शाबाद के पास से कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली।
इससे पहले, 25 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में बीएसएफ ने एक पाकिस्तानी घुसपैठिए के पास से 8 किलोग्राम हेरोइन बरामद करके नशीले पदार्थों की तस्करी की बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया था। इस दौरान सुरक्षा बलों की कार्रवाई में घुसपैठिया घायल हो गया था, लेकिन वह वापस पाकिस्तानी सीमा में भागने में कामयाब रहा। कुछ दिन पहले बीएसएफ के जवानों ने राजस्थान के जैसलमेर में सादेवाला अंतरराष्ट्रीय सीमा से भारत में घुसने की कोशिश कर रहे पाकिस्तानी नागरिक को पकड़ा था। उसकी पहचान आलम खान, पुत्र फैजल खान के रूप में की गई थी।
पिछले कुछ दिनों में भारतीय सेना और बीएसएफ ने एलओसी पर घुसपैठ की कई कोशिशों को नाकाम कर दिया है। गत गुरुवार को एलओसी पर सीमा पार से जम्मू कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश कर रहे 3 आतंकवादियों को भारतीय सेना ने ढेर कर दिया था। सेना ने इसका वीडियो भी जारी किया था, जिसमें नजर आ रहा है कि खराब मौसम और घने जंगलों का फायदा उठाकर 3 आतंकवादी सीमा पार से उरी सेक्टर में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। इन तीनों को भारतीय सुरक्षाबलों ने एलओसी पर ही ढेर कर दिया था। आतंकवादियों के कब्जे से भारी मात्रा में हथियार और वॉर-स्टोर बरामद हुआ था।
इससे पहले 22-23 अगस्त की रात को नौशेरा सेक्टर में एलओसी के पास 2 आतंकी घुसपैठ के दौरान मारे गए थे। आतंकियों ने एलओसी पर भारतीय सेना द्वारा बिछाई गईं लैंडमाइंस पर पैर रख दिया था, जिसके चलते विस्फोट में दोनों मौके पर ही ढेर हो गए। एलओसी पर लगे थर्मल इमेजिंग कैमरा में इस लैंडमाइन ब्लास्ट का वीडियो भी कैद हो गया था। गत 21 अगस्त को पाकिस्तानी आतंकी तबरक हुसैन को नौशेरा सेक्टर में भारतीय सेना ने एक एनकाउंटर के बाद पकड़ा था। हालांकि, उसके 2-3 साथी वापस भागने में कामयाब रहे थे।
पूछताछ में तबरक ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी कर्नल यूनुस चौधरी ने उसे 30,000 पाकिस्तानी करेंसी देकर घुसपैठ के लिए भेजा था। तबरक को एलओसी पर भारतीय सेना की चौकियों पर फिदायीन हमले के इरादे से नौशेरा भेजा गया था। गोलीबारी में घायल होने के बाद आतंकी तबरक को भारतीय सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसका इलाज चल रहा है।