-युवाओं को माइग्रेन का सबसे ज्यादा खतरा
नई दिल्ली । हर उम्र के लोग माइग्रेन की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। दुनियाभर के युवाओं में माइग्रेन की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। अक्सर लोग सिरदर्द और माइग्रेन को लेकर कंफ्यूज रहते हैं। बड़ी संख्या में लोग इसके शुरुआती लक्षणों को नहीं पहचान पाते हैं, जिससे समस्या गंभीर होती चली जाती है। एक्सपर्ट कहते हैं कि माइग्रेन सिरदर्द का एक टाइप होता है, जिसमें व्यक्ति को अचानक तेज सिरदर्द, उल्टी आना और तेज आवाज, तेज लाइट से परेशानी होती है।
माइग्रेन कई तरह का होता है, जिसमें अलग-अलग लक्षण और समस्याएं देखने को मिलती हैं। कई बार माइग्रेन से जूझ रहे व्यक्ति को तेज सिरदर्द के साथ शरीर के एक हिस्से में कमजोरी महसूस होती है। हालांकि, कुछ घंटे के बाद शरीर की कंडीशन नॉर्मल हो जाती है। अगर आपको 2 सप्ताह से ज्यादा समय तक इस तरह की समस्या रहती है, तो यह माइग्रेन हो सकता है। आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।विशेषज्ञ मानते है कि वर्तमान समय में माइग्रेन की समस्या युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। 18 से 30 साल तक के वर्किंग युवाओं को इससे बचने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। माइग्रेन होने की सबसे बड़ी वजह युवाओं की बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल होती है। कई लोग देर रात तक जागते हैं और समय पर खाना भी नहीं खाते। इस वजह से भी माइग्रेन की समस्या हो सकती है। हेल्दी डाइट लेनी होगी। इस समस्या से बचने के लिए तनाव से बचना चाहिए।
हर 3 से 4 घंटे में ब्लड ग्लूकोज को मेंटेन रखने के लिए कुछ न कुछ खाना चाहिए। लंबे समय तक फास्टिंग से बचना चाहिए। योग करना चाहिए। अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे, तो माइग्रेन की समस्या से बचाव कर सकते हैं।’वर्क फ्रॉम होम के दौरान माइग्रेन के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है।‘माइग्रेन एक लाइफस्टाइल डिजीज है, जिससे आसानी से बचाव किया जा सकता है। सबसे पहले आपको अपनी लाइफस्टाइल को सुधारना होगा। सोने का समय तय करना होगा।
सुदामा/ईएमएस 07 सितम्बर 2022