छठ महापर्व: खरना आज, कल डूबते सूर्य को देंगे अर्घ्य सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण होगा

भोपाल । राजधानी में बसे भोजपुरी समाज के लोग छठ महापर्व उत्साहपूर्वक मना रहे हैं। आज शनिवार को खरना होगा, रविवार को छठ पर डूबते सूर्य भगवान को अर्ध्य देकर पूजा-आराधना की जाएगी। सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण होगा। संतान की लंबी आयु की कामना के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन किया जाएगा। पांच साल पहले राजधानी में तकरीबन 20 जगहों पर छठ महापर्व की पूजा-अर्चना की जाती थी। हर साल छठ महापर्व मनाने का उत्साह व उल्लास बढ़ता जा रहा है। इस साल 50 से अधिक स्थानों पर पूजा-अर्चना की जाएगी। बीते दो वर्ष कोरोना के कारण एक दर्जन जगहों पर सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन करते हुए छठ महापर्व मनाया गया था। अब कोरोना कम होने से इस साल 50 से अधिक जगहों पर भव्य पूजा स्थल तैयार किए गए हैं। विसर्जन घाटों व कुंडों पर छठ पूजन किया जाएगा। वहीं बिहार सांस्कृतिक मंच के महासचिव सतेंद्र कुमार ने बताया कि भेल बरखेड़ा मां सरस्वती मंदिर में छठ महापर्व की पूजा की तैयारी पूरी हो गई है। लोगों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए अपनी-अपनी जगह तय करके चिन्ह बना दिए हैं। मालूम हो कि शहर में छठ पूजा के सामूहिक आयोजन 50 से अधिक स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे। 30 अक्टूबर कार्तिक शुक्ल षष्ठी को व्रतधारी घाटों पर पहुंचकर गन्ना सहित अन्य ऋतुफल, पकवान बांस के सूप एवं डलियों में रखकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगे। मुख्य कार्यक्रम शीतलदास की बगिया में होगा। इसके अलावा खटलापुरा घाट, काली मंदिर घाट, पांच नंबर, स्वामी विवेकानंद कालोनी, गौरी शकंर परिषद अशोका गार्डन, करोद, बागसेवनिया विश्वकर्मा मंदिर, सरस्वती मंदिर, बरखेड़ा व शिव मंदिर, कलियासोत, जाटखेड़ी द्वारिका नगर, राजेंद्र नगर, ओल्ड सुभाष नगर, अशोका गार्डन, अयोध्या नगर सहित अन्य स्थानों के मंदिरों में पूजा कुंड बनाए गए हैं। जिससे सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जा सके।भोजपुरी एकता मंच के अध्यक्ष कुंवर प्रसाद ने बताया कि इस महापर्व के पहले दिन यानी शुक्रवार को नहाए खाए के साथ शुरुआत हुई। शनिवार को खरना होगा। इस दौरान कमला पार्क में बड़ी संख्या में समाज के लोग पहुंचेंगे। वहीं 30 अक्टूबर रविवार को डूबते हुए सूर्य की पूजा-अर्चना के उपरांत कमर भर पानी में खड़े होकर सूर्यदेव को ठेकुआ पकवान एवं ऋतु फल बांस के सूपा में सजाकर अक्षत दीप धूप जल से सामूहिक रूप से अर्ध्य अर्पित करेंगे। इस दौरान 2100 दीप दान किए जाएंगे।