अहमदाबाद | भारतीय रेल ने देश के बहुआयामी विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है। देश भर में एक यूनी-गेज रेल प्रणाली स्थाेपित करने की दृष्टि से रेलवे मौजूदा गैर ब्रॉड गेज रेलवे लाइनों को ब्रॉड गेज में परिवर्तित कर रही है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए पश्चिम रेलवे ने असारवा-हिम्मतनगर-उदयपुर और लुणीधार-जेतलसर खंडों के गेज परिवर्तन का काम पूरा कर लिया गया है। भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 अक्टूबर, 2022 को असारवा में आयोजित होने वाले एक समारोह में इन रेल खंडों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री असारवा-उदयपुर एक्सप्रेस के शुभारंभ के साथ-साथ असारवा रेलवे स्टेशन से उदयपुर-असारवा एक्सप्रेस, लुणीधार-जेतलसर और जेतलसर-लुणीधार पैसेंजर ट्रेनों का भी हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ करेंगे। रेलवे अत्य2धिक महत्व की कई इंफ्रास्ट्र क्च रल अपग्रेडेशन परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रही है और इस तरह राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर योगदान दे रही है। ये नए गेज परिवर्तित रेल खंड यात्री यातायात और माल ढुलाई दोनों क्षेत्रों के लिए असंख्य अवसरों को खोलेंगे और निकट भविष्य में तेजी से बदलाव लाएंगे। यह संबद्धता बढ़ाने और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के उत्थान में योगदान का एक लंबा सफर तय करेंगे। अहमदाबाद (असारवा)-हिम्मतनगर-उदयपुर खंड का खुलना क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित होगा। 299 किमी के इस खंड को 2482.38 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है। इस खंड के प्रमुख स्टेशन अहमदाबाद, शामलाजी रोड, हिम्मतनगर, नंदोल दाहेगाम, डूंगरपुर, प्रांतिज और उदयपुर हैं। यह खंड इन क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय लोगों के लिए देश के बाकी हिस्सों से कनेक्टिविटी के मामले में एक बड़ी राहत होगी। यह पर्यटकों, व्यापारियों के साथ-साथ इस क्षेत्र के आसपास की निर्माण इकाइयों और उद्योगों के लिए भी लाभदायक होगा। हिम्मतनगर में टाइल और सिरेमिक उद्योग इस रेल परियोजना का लाभ उठा सकते हैं क्योंकि वे निर्बाध कनेक्टिविटी के कारण देश भर के ग्राहकों को रेल द्वारा अपने माल का परिवहन कर सकते हैं। इससे राष्ट्रीय राजधानी (दिल्ली) के साथ-साथ आर्थिक राजधानी (मुंबई) से बेहतर कनेक्टिविटी के साथ इस क्षेत्र में औद्योगीकरण में सहायता मिलेगी। इससे अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करने में भी मदद मिलेगी। यह अहमदाबाद और दिल्ली के लिए एक तेज, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल वैकल्पिक मार्ग होगा। नया गेज परिवर्तित लुणीधार-जेतलसर ब्रॉड गेज खंड एक और महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है जो निर्बाध कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा। 58 किमी के इस गेज परिवर्तित खंड का कार्य 452 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है। लुणीधार-जेतलसर खंड ढसा-जेतलसर गेज परिवर्तन परियोजना का हिस्सा है, जिसमें से ढसा-लुणीधार खंड (48 किमी) जून, 2022 में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रन को समर्पित किया गया था। इस परियोजना के पूरा होने के साथ यह अब वेरावल और पोरबंदर से पीपावाव पोर्ट और भावनगर के लिए एक छोटा मार्ग प्रदान करेगा। साथ ही, इस खंड ने अहमदाबाद और देश के अन्य हिस्सों के लिए वेरावल और पोरबंदर क्षेत्र से एक वैकल्पिक मार्ग की सुविधा प्रदान की है। इसके अलावा, यह परियोजना ट्रेनों की आवाजाही को सुगम बनाएगी और इस खंड पर माल ढुलाई क्षमता में वृद्धि करेगी, इस प्रकार व्यस्त कनालूस-राजकोट-विरमगाम मार्ग पर भीड़भाड़ कम होगी। इसके अतिरिक्त, यह अब गिर अभयारण्य, सोमनाथ मंदिर, दीव और गिरनार पहाड़ियों (जैन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध, गुरु दत्तात्रेय मंदिर और एशिया में दूसरा सबसे लंबा रोपवे) के लिए सहज संबद्धता की सुविधा प्रदान करेगा। यह खंड गुजरात राज्य के अमरेली, राजकोट, जूनागढ़, गिर सोमनाथ और पोरबंदर जिलों के सामाजिक और आर्थिक विकास के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री असारवा रेलवे स्टेशन से असारवा-उदयपुर एक्सप्रेस के शुभारंभ के साथ-साथ उदयपुर-असारवा एक्सप्रेस, लुणीधार-जेतलसर और जेतलसर-लुणीधार पैसेंजर ट्रेनों की उद्घाटक सेवाओं का वर्चुअली शुभारंभ करेंगे। 01 नवंबर, 2022 से अपनी नियमित सेवा में लुणीधार-जेतलसर और जेतलसर-लुणीधार पैसेंजर ट्रेनें भावनगर और जेतलसर के बीच चलेंगी। नई शुरू की गई ट्रेनों के अलावा, मौजूदा ट्रेन नंबर 09566/65 भावनगर-लुणीधार पैसेंजर को जेतलसर तक बढ़ाया गया है। इन ट्रेनों की शुरूआत से स्थानीय निवासियों और पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और व्यापारी समुदाय को बहुत लाभ होगा, क्योंकि इससे देश के बाकी हिस्सों से निर्बाध कनेक्टिविटी की सुविधा हो जाएगी।