गुजरात- मोरबी केबल ब्रिज हादसे में मरने वालों का आंकड़ा 132 पर पहुंचा

अहमदाबाद । गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बने केबल सस्पेंशन ब्रिज (पुल) के टूटने की दुर्घटना में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है और अब इसकी संख्या 132 हो गई है। वहीं 177 लोगों को बचाया गया है और 19 घालयों को स्थानीय सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस 140 साल पुराने ब्रिज की मरम्मत करने वाली ओरेवा कंपनी और अन्य जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 304, 308, 114 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। मोरबी के इस ऐतिहासिक पुल की मरम्मत और रखरखाव का टेंडर हाल ही में ओरेवा नाम की कंपनी को मिला था। टेंडर की शर्तों के अनुसार कंपनी को मरम्मत के बाद अगले 15 सालों तक इस पुल का रखरखाव करना था। यह केबल सस्पेंशन ब्रिज 7 महीने की मरम्मत के बाद गत 26 अक्टूबर को पब्लिक के लिए खोला गया था। पांच दिन बाद ही 30 अक्टूबर की शाम 6:30 से 7 बजे के बीच पुल टूटने की वजह से बड़ा हादसा हो गया।
मोरबी पुल हादसे की जांच के लिए गुजरात सरकार ने 5 सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया है। इस पांच सदस्यीय दल में आर एंड बी के सचिव संदीप वसावा, आईएएस राजकुमार बेनीवाल, आईपीएस सुभाष त्रिवेदी, चीफ इंजीनियर के.एम. पटेल के साथ डॉ. गोपाल टांक को रखा गया है। यह विशेष जांच टीम हादसे के कारणों का पता लगाएगी। मच्छु नदी में बचाव कार्य को तेज करने के लिए सेना की मदद ली गई है। एनडीआरएफ के साथ एसडीआरएफ की टीमें भी राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुईं हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष संघवी देर रात घटनास्थल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। आज दोपहर तक रेस्क्यू आपरेशन के पूरा होने की संभावना है।
जानकारी के अनुसार, ब्रिटिश कालीन पुल पर रविवार शाम करीब 400 लोग थे, जब यह टूट गया, और सैकड़ों लोग नदी में गिर गए। अधिकारियों ने कहा कि पुल स्थानीय निवासियों और पर्यटकों सहित लोगों से भरा हुआ था, क्योंकि यह क्षेत्र में एक प्रमुख आकर्षण है। दिवाली की छुट्टियों और वीकेंड के कारण बाहर से आए बहुत सारे पर्यटक शहर में थे और हो सकता है कि पुल इतने लोगों के भार की वजह से टूट गया हो। प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि हादसे के बाद कई लोग खुद को डूबने से बचाने के लिए पुल के तारों को पकड़कर लटक रहे हैं। कई अन्य कमर-गहरे पानी में नदी के उथले हिस्सों में फंस हुए हैं। कुछ को पुल पर फंसे लोगों की मदद करने और नदी में गिरे लोगों को बचाने के लिए नदी में कूदते देखा गया। इसमें स्टेट फायर ब्रिगेड, कोस्ट गार्ड, गरुड़ कमांडो और इंडियन नेवी की मदद भी ली जा रही है। इस हादसे में जान गंवाने वालों में ज्यादातर मोरबी और आसपास के निवासी हैं।
मोरबी के इतिहास में 43 साल बाद यह दूसरी बड़ा हादसा है। इससे पहले 1979 में, 11 अगस्त को मच्छु नदी पर बना डैम टूटने की वजह से बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें 2000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

-हादसे के कारण पीएम मोदी का अहमदाबाद में रोड शो रद्द-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 3 दिवसीय दौरे पर रविवार को गुजरात पहुंचे। वह मोरबी जा सकते हैं। उन्हें आज अहमदाबाद में रोड शो करना था, जिसे रद्द कर दिया गया है। प्रधानमंत्री को कई अन्य कार्यक्रमों में भी शामिल होना था, जिन्हें कैंसल करना पड़ा है। इस हादसे को लेकर वह खुद मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के संपर्क में हैं। बीजेपी ने भी राज्य में अपने तमाम कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। आगामी 1 नवंबर को गांधीनगर में होने वाले पेज समिति प्रमुखों के दिवाली मिलन समारोह को भी रद्द कर दिया गया है। कांग्रेस ने भी 31 अक्टूबर से शुरू हो रही अपनी राज्य व्यापी परिवर्तन संकल्प यात्रा को स्थगित कर दिया है। इस यात्रा के लिए गुजरात पहुंच रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी मोरबी जा सकते हैं। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गुजरात के मोरबी में पुल टूटने की घटना पर दुख व्यक्त किया है