अहमदाबाद । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों अपने गृहराज्य गुजरात के दौरे पर है और आज उनके तीन दिवसीय दौरे का दूसरा दिन है। पीएम मोदी लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचे हैं। यहां उन्होंने भारत के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल की भव्य प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और जल चढ़ाकर उनको नमन किया। प्रधानमंत्री इसके बाद केवड़िया परेड ग्राउंड में राष्ट्रीय एकता दिवस परेड कार्यक्रम में शामिल हुए। विभिन्न राज्यों की पुलिस फोर्स के जवानों ने राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर परेड निकाला, जिसका पीएम मोदी ने निरीक्षण किया। उन्होंने ‘आरंभ 2022’ में प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों को राष्ट्रीय एकता व अखंडता को बनाए रखने की शपथ दिलाई।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत मोरबी पुल हादसे में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए की। उन्होंने कहा- मैं एकता नगर में हूं, मेरा मन मोरबी के पीड़ितों से जुड़ा है। शायद ही जीवन में मैंने बहुत कम ऐसी पीड़ा अनुभव की होगी। एक तरफ करुणा से भरा पीड़ित दिल है तो दूसरी ओर कर्त्तव्य पथ है। जिन लोगों को अपना जीवन गंवाना पड़ा हैं, मैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं देशवासियों को आश्वस्त करता हूं कि मोरबी हादसा पीड़ितों को हर संभव मुहैया कराई जाएगी। गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल बीती रात मोरबी पहुंचे। वह कल से ही राहत एवं बचाव कार्यों की कमान संभाल रहे हैं। राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है। राहत और बचाव कार्यों में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
पीएम मोदी ने कहा, 2022 में राष्ट्रीय एकता दिवस को बहुत विशेष अवसर के रूप में मैं देख रहा हूं। यह वह वर्ष है जब हमने आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं। हम नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। अगर भारत के पास सरदार पटेल जैसा नेतृत्व न होता तो क्या होता? अगर 550 से ज्यादा रियासतें एकजुट न हुई होती तो क्या होता? हमारे ज्यादातर राजा रजवाड़े त्याग की पराकाष्ठा न दिखाते, तो आज हम जैसा भारत देख रहे हैं हम उसकी कल्पना न कर पाते। ये कार्य सरदार पटेल ने ही सिद्ध किए हैं।
पीएम ने कहा कि हमारे देश के करोड़ों लोगों ने दशकों तक अपनी मौलिक जरूरतों के लिए भी लंबा इंतजार किया है। बुनियादी सुविधाओं की खाई जितनी कम होगी उतनी एकता भी मजबूत होगी। इसलिए आज देश में सैचुरेशन के सिद्धांत पर काम हो रहा है। हर योजना का लाभ हर लाभार्थी तक पहुंचे। इसलिए आज हाउसिंग फॉर आल, डिजिटल कनेक्टिविटी फॉर आल, क्लीन कुकिंग फॉर आल, इलेक्ट्रिसिटी फॉर आल के सिद्धांत पर काम हो रहा है। इस मौके पर भारतीय वायुसेना के विमानों ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के ऊपर से उड़ान भरी। यह ‘आरंभ’ कार्यक्रम का चौथा संस्करण था और इस वर्ष की थीम थी- ‘अमृत काल में सुशासनः डिजिटल टेक्नोलॉजीज, फाउंडेशन टू फ्रंटियर्स’। राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर बीएसएफ और 5 राज्यों के पुलिस बलों ने पीएम मोदी की उपस्थिति में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के सामने परेड में भाग लिया। अंबाजी का आदिवासी बच्चों का संगीत बैंड कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा। इस बैंड के सदस्य कभी अंबाजी मंदिर में भीख मांगते थे। इसके अलावा, पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में 2 पर्यटन स्थलों- भूलभुलैया (मेज गार्डन) और मियावाकी वन का भी उद्घाटन किया।
गौरतलब है कि 2018 में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के निर्माण के बाद से, पीएम मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस के उत्सव को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे आयोजनों के समान ही लाकर खड़ा कर दिया है। राष्ट्रीय एकता दिवस, हर वर्ष 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर मनाया जाता है। इस दिन ‘रन फॉर यूनिटी’ (एक मैराथन कार्यक्रम) आयोजित करने की भी प्रथा रही है। प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम के बाद दोपहर 3.30 बजे से 4.30 बजे तक बनासकांठा के थारेड में रहेंगे। यहां वह विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। उनका राजस्थान जानें का कार्यक्रम भी है।