पटना 06 नवंबर (वार्ता) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य को बाढ़ और सूखे से प्रभावित बताया और कहा कि प्राकृतिक आपदा के समय लोगों की सेवा करने का भाव रखने की जरूरत है।
श्री कुमार ने आज यहां बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का 11वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करने के बाद कहा कि बिहार आपदा प्रभावित राज्य है। बाढ़, सुखाड़ जैसी आपदा तो हमेशा आती रहती है और यहां भूकम्प की आशंका भी बनी रहती है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय लोगों की सेवा करने का भाव रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ से बचना होगा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि धरती लोगों की जरूरत को पूरा करने में सक्षम है लेकिन लालच को नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमलोगों का दायित्व है कि किसी भी तरह की आपदा की स्थिति से निपटने के लिए राशि में कुछ कमी न हो। राज्य के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का है। हमलोग कभी इसमें कमी नहीं करते हैं, तत्काल मदद की जाती है। कुदरत पर भरोसा है कि पैसे का इंतजाम किसी न किसी तरह से खजाने में होता रहेगा। पिछले ही वर्ष आयी कोसी त्रासदी में काफी क्षति हुई, जिसकी मदद करने के लिए राहत शिविरों में आवास, भोजन एवं बर्तन की भी व्यवस्था की गई। 38 लाख परिवारों के लिये ग्रैच्यूट्स रिलिफ (जीआर) के तहत 2100 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने अपने खजाने से खर्च किये। इसमें प्रत्येक परिवार को उनके खाते में 6 हजार रुपये भेजा गया।”
सूरज उपाध्याय
रमेश
जारी (वार्ता)