पंजाब राज्य में व्याप्त नशीले पदार्थों की समस्या को केंद्र को गंभीरता से लेना होगा

नई दिल्ली । लोकसभा में मंगलवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने देश में और खासतौर पर पंजाब राज्य में व्याप्त नशीले पदार्थों की समस्या को ‘मादक पदार्थ आतंकवाद’ (नार्को टेररिज्म) करार देकर केंद्र सरकार से आवश्यक कदम उठाने की और प्राथमिक शिक्षा में मादक द्रव्य रोधी पाठ्यक्रम शामिल करने की मांग की। इस संबंध में केंद्र द्वारा उठाए गए कदम विषय पर चर्चा के दौरान सदस्यों ने आरोप-प्रत्यारोप में उलझे बिना मिलकर इससे निपटने की जरूरत पर बल दिया। निचले सदन में चर्चा की शुरुआत करते हुए शिरोमणि अकाली दल (बादल) की हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब में पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार और मौजूदा आम आदमी पार्टी की सरकार को राज्य में मादक पदार्थों के दुरुपयोग और इससे युवा पीढ़ी पर पड़ने वाले बुरे असर के लिए जिम्मेदार ठहराया। हरसिमरत कौर ने कहा कि ‘नार्को टेररिज्म’ की यह समस्या केवल पंजाब नहीं बल्कि पूरे देश के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं की शहादत से लेकर आजादी की लड़ाई और आपातकाल तक जिस पंजाब ने और सिख धर्म के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया आज उस धरती को किसी की ‘बुरी नजर लगी है। उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार आने के बाद चार सप्ताह में नशे की समस्या को खत्म करने का वादा किया गया था लेकिन पांच साल में कुछ नहीं हुआ बल्कि ‘गली-गली और घर-घर तक नशा पहुंचा गया।’
हरसिमरत ने आप सरकार का उल्लेख कर कहा कि एक और नई पार्टी बदलाव की राजनीति की बात करते हुए आई लेकिन दस महीने में ही पंजाब के इसतरह के हालात हो गए हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य सरकार से नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने पंजाब की सीमा पाकिस्तान से लगे होने का जिक्र कर कहा कि मादक पदार्थ तस्करी में भी पंजाब आगे है और आज राज्य में कोई सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा। उन्होंने केंद्र का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि अगर इस स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जाता तब पंजाब गृह युद्ध के कगार पर पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र को पंजाब और देश को आप की इस सरकार से बचाना चाहिए।
इस दौरान हरसिमरत और पंजाब के कुछ कांग्रेस सदस्यों के बीच नोकझोंक भी देखने को मिली। चर्चा में भाग लेकर भाजपा के सत्यपाल सिंह ने कहा कि बिहार में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत की पृष्ठभूमि में इस गंभीर विषय पर चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कई बार देश की जनता और विशेष रूप से युवाओं को नशाखोरी के खिलाफ चेताया है।