हैदराबाद । भारत बॉयोटेक की नाक के जरिए दी जाने वाली इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन बस्टर डोज़ को पिछले हफ्ते सरकार से अनुमति मिलने के बाद अब इसकी कीमत भी तय हो गई है। यह दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन है और इसे जिस तकनीक आधार पर बनाया गया है उसका लाइसेंस अधिकार वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के पास है। नेजल वैक्सीन को वाशिंगटन विश्वविद्यालय सेंट लुइस के साथ साझेदारी में विकसित किया गया था ।
पिछले दिनों सरकार ने भारत बायोटेक द्वारा निर्मित नेजल वैक्सीन को देश में बूस्टर डोज के लिए मंजूरी दे दी है। बूस्टर डोज के लिए इसकी दो बूंद नाक में डाली जाएगी। आईएमए के सेक्रेटरी अनिल गोयल ने बताया कि नेजल वैक्सीन भी दूसरी वैक्सीन की तरह ही कारगर है। इससे लोग घबराएंगे नहीं और इसे बिना किसी तकलीफ के मरीज को दिया जा सकेगा। नेजल वैक्सीन की कीमत भी तय हो गई है। सरकारी सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार प्राइवेट अस्पतालों में इसके एक डोज की कीमत 800 रुपये के साथ 5 फीसदी की जीएसटी भी देनी होगी। इसके अलावा निजी अस्पतालों को हर एक डोज के लिए 150 रुपये का एडमिनिस्ट्रेटिव चार्ज लगाने की भी मंजूरी है। इस प्रकार इस वैक्सीन के एक डोज की कीमत तक़रीबन 1000 रुपये होगी। यह नेजल वैक्सीन जनवरी के आखिरी सप्ताह तक उपलब्ध होगी। यह दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन है और इसे जिस तकनीक पर बनाया गया है उसका लाइसेंस वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के पास है। इसे बूस्टर डोज और प्राइमरी वैक्सीन के तौर पर मंजूरी दी गई है। इसे पहले और दूसरे डोज के तौर पर भी लगवाया जा सकता है। 18 साल से अधिक उम्र के लोग भी इसे बूस्टर डोज के तौर पर लगवा सकेंगे। निजी अस्पतालों में भारत बॉयोटेक की यह नेजल वैक्सीन जनवरी के आखिरी सप्ताह तक मिलने लगेगी।