तू मेरी लय बन जाना

मैं तेरा साज प्रिये तू मेरी सरगम बन जाना

 मैं तेरा गीत प्रिये तू मेरी लय बन जाना

सांसारिक बंधनों का जाल होगा

आच्छादित हृदय का बेहाल होगा 

तू मेरी मुक्त कल्पना के मीठे स्वर बन जाना

 मैं तेरा गीत प्रिये तू मेरी लय बन जाना

मैं आंखों से पढ़ लूंगी तेरे मन की भाषा      

 मौन रहेगा अभिलाषी शब्दों का गुंजन 

 तुम मेरी भावनाओं के अंबर बन जाना

 मैं तेरा गीत प्रिये तू मेरी लय बन जाना

जलधि भावों के उमड़ेंगे अनंत 

लहरों की व्यग्रता का होगा क्रंदन 

प्रीति भरी मुस्कान बिखेर तुम किनारा बन जाना

मैं तेरा गीत प्रिये तू मेरी लय बन जाना

सुरा के स्वाद सा कसैला है जीवन

 गरल के तीर चला मदहोश करे यौवन  

 तुम प्रेम सुधा रस वर्षा कर मेरे साथी बन जाना

 मैं तेरा गीत प्रिये तू मेरी लय बन जाना

डॉ सिम्मी सिंह 

उदयपुर राजस्थान