इंदौर । इंदौर में मंदिर में हई दुर्घटना में 36 श्रद्धालुओं की मौत के बाद प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है। प्रशासन ने मंदिर ट्रस्ट के दो पदाधिकारियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया। यही नहीं मामले के तूल पकड़ने पर दो अधिकारियों पर कार्रवाई भी की गई है। इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के एक बिल्डिंग अफसर (बीओ) और एक भवन निरीक्षक (बीई) को निलंबित किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को घटनास्थल के दौरे के दौरान प्रशासन को निर्देश दिया कि यह पता लगाए कि क्या राज्य में कोई और कुआं या बावड़ी ऐसी है, जिसे ऊपर खतरनाक तरीके से ढक कर निर्माण कार्य किया गया है। इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में गुरुवार को राम नवमी की पूजा के दौरान कुएं की छत धंसने से बड़ा हादसा हुआ। जिसमें करीब 25 घंटे से ज्यादा समय तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में 36 शव बरामद हुए। मृतकों में 21 महिलाएं और दो बच्चे भी शामिल हैं। इसी मामले में जूनी इंदौर पुलिस ने कार्रवाई की है। थाने के प्रभारी नीरज मेड़ा ने बताया कि पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली कुमार सबनानी के खिलाफ आईपीसी की धारा-304 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।ट्रस्ट के दोनों पदाधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने बावड़ी पर छत डालकर बेहद असुरक्षित निर्माण कराया। इसी वजह से मंदिर में हादसा हुआ, जिसमें 36 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। उन्होंने कहा कि इंदौर नगर निगम ने ट्रस्ट को मंदिर परिसर का अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया था, लेकिन ट्रस्ट ने यह आदेश नहीं माना। थाना प्रभारी के मुताबिक गैर-इरादतन हत्या के दोनों आरोपियों को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है।
वहीं, इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय निकाय के एक पत्र के जवाब में बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट ने अप्रैल 2022 में उसे यह लिखकर दिया था कि वह मंदिर का रेनोवेशन करेगा और बावड़ी के ऊपर किया गया निर्माण हटाकर इस कुएं को खोल देगा। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। स्थानीय लोग इंदौर नगर निगम की भूमिका पर भी सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बावड़ी पर अतिक्रमण करने वालों और अतिक्रमण की पूरी जानकारी होने के बावजूद इसे समय रहते न हटाने वाले अधिकारियों ने भीषण हादसे को खुला निमंत्रण दिया। इन लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। महापौर ने कहा कि नगर निगम शहर के ऐसे सभी प्राकृतिक जलस्त्रोतों को अतिक्रमण से मुक्त कराएगा, जिन पर असुरक्षित निर्माण के कारण हादसे हो सकते हैं।