पूर्व मंत्री रंजना बघेल के आतंक से भयभीत निर्वासित जीवन जीने को मजबूर है सामाजिक कार्यकर्ता

रंजना बघेल को अविलंब पार्टी से निष्कासित करे भारतीय जनता पार्टी: कांग्रेस
भोपाल। मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के के मिश्रा और उपाध्यक्ष संतोष सिंह गौतम ने संयुक्त पत्रकार-वार्ता में कहा कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के मदमस्त, अहंकारी, निरंकुश, अत्याचारी, भ्रष्ट, तानाशाह और आपराधिक चरित्र की पोल खोलना चाहते हैं। सत्ता के मद में चूर ये नेता इतने बेलगाम हो चुके हैं कि अपनी स्वार्थ पूर्ति और अपने काले कर्मों के विरुद्ध आवाज उठाने वालों को ठिकाने लगाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। भाजपा नेताओं पर हमारे ये आरोप अनर्गल नहीं हैं, आप लोग भी समय-समय पर इस प्रकार की खबरें प्रकाशित और प्रसारित करते रहे हैं। आज हम ऐसे ही एक मामले को आपके माध्यम से प्रदेश की जनता के सामने लाना चाहते हैं। यह मामला प्रदेश सरकार की पूर्व मंत्री व धार जिले की मनावर विधानसभा से भाजपा की पूर्व विधायक रंजना बघेल से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने वहीं के स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता राजू पंवार पर बेरहमी से जानलेवा हमला करवा कर अपनी दबंगई, तानाशाही, क्रूरता, दमनकारी चरित्र और आपराधिक मानसिकता का परिचय दिया।
राजू पंवार मनावर तहसील के ही ग्राम-निगरनी के रहने वाले हैं, वे एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और सामाजिक कुरीतियों एवं अवैध शराब के काले कारोबार के विरुद्ध अभियान चलाने के लिए जाने जाते हैं। अपने इसी समाजसेवी भाव के कारण एक बार जब उन्होंने अवैध शराब बिक्री की सूचना मनावर थाना प्रभारी, पुलिस अधीक्षक, आबकारी अधिकारी, आईजी, डीआईजी एवं जिला कलेक्टर को दी, तब उच्च अधिकारियों ने समूचे मामले का संज्ञान लेते हुए मनावर थाना प्रभारी को कार्यवाही के निर्देश दिए।
इसके बाद 13 जनवरी 2022 को शाम करीब 5.30 बजे तकरीबन 30-35 गुंडों द्वारा शिकायतकर्ता राजू पंवार पर प्राणघातक हमला किया गया। हमलावरों ने करीब 10-15 मिनट तक राजू पंवार की बेरहमी से पिटाई की और जब उन्हें लगा कि राजू की मृत्यु हो गई है, तब वे वहां से चले गए। परिजन गंभीर रूप से घायल राजू को लेकर पहले मनावर हॉस्पिटल पहुंचे, जहां उनकी एमएलसी हुई और उसके बाद उन्हें बड़वानी रेफ़र कर दिया गया। जब राजू पंवार अस्पताल में उपचाररत् थे, उसी दौरान षड्यंत्रकारियों द्वारा उनके व उनके पिता के खिलाफ आदिवासी समाज के एक स्थानीय निवासी मांगीलाल के माध्यम से एससी-एसटी ऐक्ट के तहत मुकदमा भी दायर करवा दिया गया। जब गांव के कुछ लोगों ने इस संबंध में मांगीलाल से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि गांव का ही रहवासी सोमा व एक-दो और लोग उनके घर आए थे व उन्हें दूसरी कहानी बता कर, बहकावे में लेकर, कागजों पर दस्तखत करवाये और पूरा का पूरा एक कूट रचित मामला राजू पंवार व उनके पिता हरजी पंवार के खिलाफ बनवाया।
इस समूचे मामले में जब मांगीलाल को पता लगा कि उन्हें बेवकूफ बना कर सोमा व अन्य लोगों ने राजू पंवार व उनके पिता के खिलाफ इस्तेमाल किया है तो उन्होंने गांव के लोगों के साथ स्थानीय पुलिस अधीक्षक को एक शपथ-पत्र दिया, जिसमें यह साफ़ वर्णित था कि उन्हें बरगला कर स्थानीय निवासी सोमा व उसके साथियों ने कागजों पर दस्तखत ले लिए थे, जिसके माध्यम से राजू और उनके पिता पर एससी-एसटी ऐक्ट के तहत झूठा मुकदमा दर्ज करवाया गया। उक्त मामले में प्रमुख बिंदु यह है कि मांगीलाल के माध्यम से राजू पंवार व उनके पिता हरजी पंवार पर ऐट्रोसिटी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करवाने वाला मुख्य व्यक्ति सोमा ही राजू पंवार के विरुद्ध जानलेवा हमले का प्रमुख आरोपी और षड्यंत्रकारी है।
सोमा अवैध शराब की बिक्री सहित कई अवैध गतिविधियों में लिप्त है, इसे पूर्व मंत्री रंजना बघेल का पूरा समर्थन, आशीर्वाद व संरक्षण प्राप्त है, इसीलिए वह रंजना बघेल की इच्छा, आदेश व निर्देशानुसार न केवल लोगों पर हमले करता और करवाता है, बल्कि रंजना बघेल के साथ मिलकर अगले शिकार का टार्गेट भी तय करता है। उल्लेखनीय है कि रंजना बघेल के संरक्षण के चलते ही सोमा सहित राजू पंवार पर हमले के सभी आरोपियों पर मामूली धाराओं में केस दर्ज किया गया।
इस संबंध में हम राजू पंवार पर हुए प्राणघातक हमले के वीडियो के साथ ही एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी आपको सुनाना चाहते हैं, जिसमें एक तरफ़ पूर्व मंत्री रंजना बघेल हैं और दूसरी तरफ़ उनका मुख्य गुर्गा सोमा है, जो रंजना बघेल के संरक्षण के चलते राजू पंवार की बेरहम और जानलेवा पिटाई का क्रेडिट तो ले ही रहा है, साथ ही अपनी संरक्षक रंजना बघेल के आदेशानुसार अगले शिकार की पिटाई कब, कैसे और कहां होगी उसका ब्यौरा भी दे रहा है।
हमारे बीच समूची घटना के पीड़ित और भाजपा की पूर्व मंत्री रंजना बघेल के आतंक के शिकार सामाजिक कार्यकर्ता राजू पंवार भी मौजूद हैं, आप चाहें तो समूचे घटनाक्रम के विषय में उनसे भी अपने प्रश्न पूछ सकते हैं।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि लगभग तीन वर्ष पूर्व इंदौर स्थित विजय नगर थाने के तत्कालीन टीआई तहज़ीब काजी द्वारा ड्रग तस्करों के खिलाफ की गई एक बड़ी कार्यवाही में धार जिले के मनावर की निवासी जो प्रीति जैन पकड़ी गई थी और एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट का पर्दाफाश हुआ था, उसमें प्रीति जैन का लड़का यश जैन भी लिप्त था। वह उस कार्यवाही के समय फ़रार हो गया था, लेकिन बाद में उसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
यह यश जैन भी रंजना बघेल का करीबी रहा है, इस संबंधित खबरें और तस्वीरें भी अखबारों और मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित हुई हैं।
इस पूरे घटनाक्रम और खुलासे से साफ़ है कि माफ़ियाओं, गुंडों, अपराधियों, अवैध शराब और ड्रग्स के कारोबारियों से भाजपा के लोगों की नज़दीकियां हैं और उनके दबाव और प्रभाव में राजू पंवार जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमले होते रहते हैं और पुलिस व प्रशासन न केवल मूकदर्शक बने रहते हैं बल्कि अनेकों मामलों में भाजपा नेताओं के एजेंट बनकर शोषितों और पीड़ितों पर ही दमनकारी कार्रवाई करते हुए मामलों को रफ़ा-दफ़ा करने के लिए अनावश्यक रूप से दबाव बनाते हैं।
इसीलिए राजू पंवार के मामले में भी एक साल से अधिक का समय बीत जाने के बावज़ूद, उनके द्वारा बार-बार लगाई गई न्याय की गुहार को अनसुना कर दिया गया और आरोपियों पर कोई यथोचित दंडात्मक कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। राजू पंवार को अब तक इंसाफ नहीं मिला है।
कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार, प्रशासन व पुलिस से मांग करती है कि इस मामले की गंभीरता को समझते हुए राजू पंवार पर जानलेवा हमले के आरोपियों पर कठोरतम दंडात्मक कार्रवाई हो, ठोस प्रमाण सामने आने के बाद रंजना बघेल को भी पूरे मामले में एक षड्यंत्रकारी के तौर पर चिन्हित कर उन्हें भी आरोपी बनाया जाए, मनावर छोड़कर अन्यत्र निर्वासित जीवन व्यतीत करने को मजबूर राजू पंवार को पर्याप्त पुलिस संरक्षण मिले और यह सुनिश्चित हो कि राजू या उसके परिवार पर फ़िर कोई प्राणघातक हमला न हो। यदि राजू पंवार पर फिर कोई हमला या उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश होती है तो इसके लिए सीधे तौर पर रंजना बघेल और उनके गुर्गों को जिम्मेदार माना जाए।
इस संगीन मामले में कांग्रेस पार्टी प्रदेश सरकार और भाजपा से यह अपेक्षा करती है कि वे अपनी आपराधिक प्रवृत्ति की नेत्री और पूर्व मंत्री रंजना बघेल पर भी उक्त मामले में यथोचित प्रकरण दर्ज करवाने के साथ ही उन्हें तत्काल सभी पदों से मुक्त कर पार्टी से निष्कासित करें अन्यथा इस बात पर मुहर लग जाएगी कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और शीर्ष नेतृत्व ही उनके सहयोगी और संरक्षक बने हुए हैं।