नई दिल्ली । भारत ने आतंक के खिलाफ अपनी नीति को बार-बार स्पष्ट किया है कि किसी भी हमले का जवाब सटीक और प्रभावशाली होगा। भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर ने फिर साबित किया कि भारत अपनी सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब भारत ने इस तरह की सख्त कार्रवाई कर दुश्मन को जबाव दिया हो। भारत के इतिहास में इसतरह कई सैन्य अभियान हुए हैं, जिसमें पाकिस्तान को करारा जवाब दिया गया है।
भारत के अब तक के प्रमुख सैन्य अभियान :
ऑपरेशन अब्लेज : साल 1965 में कच्छ के रण क्षेत्र में तनाव के बाद यह रक्षात्मक कार्रवाई थी, इससे सीमा की रक्षा सुनिश्चित की गई।
ऑपरेशन रिडल: साल 1965 में ही ऑपरेशन पाकिस्तान के जिब्राल्टर और ग्रैंड स्लैम के जवाब में किया गया था। इसका उद्देश्य पाक सेना को पीछे धकेलना और सीमाओं की सुरक्षा करना था।
ऑपरेशन कैक्टस लिली: इसके बाद साल 1971 में बांग्लादेश की आजादी के लिए हुए युद्ध में यह प्रमुख सैन्य अभियान था। 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण किया।
ऑपरेशन त्रिशूल और पायथन: इस तरह साल 1971 में भारतीय नौसेना द्वारा कराची बंदरगाह पर हमला कर पाकिस्तानी नौसैनिक ताकत को कमजोर किया गया।
ऑपरेशन मेघदूत: इसके बाद साल 1984 में भारत ने सियाचिन ग्लेशियर पर रणनीतिक बढ़त हासिल की और आज भी वहां नियंत्रण बनाए हुए है।
ऑपरेशन विजय: कारगिल युद्ध में भारत ने दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर किया। यह भारत की सैन्य क्षमताओं की बड़ी जीत थी।
ऑपरेशन सफेद सागर: साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी ठिकानों पर सटीक हमले किए।
ऑपरेशन बंदर: मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों को एयरस्ट्राइक से निशाना बनाया।
वहीं ऑपरेशन सिंदूर के तहत पहलगाम हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के जवाब में यह कार्रवाई की गई। भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्य अड्डे शामिल थे।