भाषा नौकरशाहों की

■ केवल ज्ञापन लाया है बे!

किस बस्ती से धाया है बे??

■ भूल गया क्या विप्र सुदामा?

बिना पुटलिया आया है बे!!

■ न्हा-धो के टिपटॉप तो होता!

कैसा स्वांग बनाया है बे!!

■ बिसर गया सब सेवा-पूजा?

किस जननो का जाया है बे??

■ लगता था कुछ है अंटी में।

तब तुझको बिठलाया है बे!!

■ पेट दिख रहा फूला-फूला!

सुबह-सुबह क्या खाया है बे??

■ छोड़ ये बातें इतना बतला!

अब के क्या उपजाया है बे??

■ कुछ लाता सीधे आ जाता।

बेमतलब भैराया है बे!!

■ हम को पीपल समझ रहा है!

तू क्या कोई साया है बे??

■ एक रोज़ में न्याय मिलेगा!

ये किसने भरमाया है बे??

                ■प्रणय प्रभात■

              श्योपुर (मध्यप्रदेश)