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ईश्वर ने पृथ्वी बनाने
से पहले दु:ख बनाया था !
और उसके बाद बनाया
स्त्री को !
ताकि, स्त्री पृथ्वी के दु:ख को
समझ सके !
ईश्वर ने जब पृथ्वी बनाई और
दु:ख भी
तब उसको सहने की ताकत केवल
स्त्री को दिया l
तभी तो दुनिया भर के दु:ख उठाती है , स्त्री!
मीलों पैदल चलकर , पहाड़ फलांगती
कुँओं और तालाब से भरकर लाती है पानी ,
तब जब आसमान आग उगल रहा होता है l
धरती की कोख उगल रही होती है लावा !
महेश कुमार केशरी
मेघदूत मार्केट फुसरो
बोकारो झारखंड
पिन-829144