इन्दौर । संस्कारों का सही बीजारोपण नहीं होने से हमारी युवा पीढ़ी केवल धर्म से ही नहीं, परिवार से भी विमुख होती जा रही है। यह सबके लिए चिंता और चिंतन का गंभीर मुद्दा है। मोबाईल के बढ़ते हुए दुष्परिणाम ने हमारे श्रेष्ठ विचारों के सृजन और श्रवण को बहुत पीछे धकेल दिया है। दादा-दादी और नाना-नानी से किस्से-कहानियां सुनने का स्वर्णिम दौर आज लुप्त हो गया है। इस स्थिति में पालकों को समय रहते बच्चों को संस्कारित बनाने की दिशा में सार्थक प्रयास करना चाहिए।
यह प्रेरक विचार है गणिवर्य प.पू. आनंदचंद्र सागर म.सा. के, जो उन्होंने रेसकोर्स रोड उपाश्रय ट्रस्ट के तत्वावधान में पिछले 40 दिनों से नवकार वाटिका में चल रहे नरक निगोध निवारण तप की पूर्णाहुति पर 70 तपस्वियों के बहुमान प्रसंग पर धर्मसभा में व्यक्त किए। इस मौके पर आत्मसाधक प.पू. ऋषभचंद्र सागर म.सा. की निश्रा में पुखराज लक्ष्मीलाल बंडी परिवार ने सिद्धाचल आराधक तपस्वियों के बहुमान का लाभ उठाया। आयोजन की थीम हैप्पी फैमिली, मेरी फैमिली पर रखी गई थी। कार्यक्रम का संचालन यशवंत जैन एवं प्रवीण श्रीश्रीमाल ने किया। समाजसेवी विपिन सोनी, अशोक जैन, गुलाबचंद चौरडिया सहित बड़ी संख्या में जैन संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे । तपस्वियों को आकर्षक उपहार भी भेंट किए गए।