नाटक ‘मस्तमौला’ ने बताया हंसते-हंसाते हुए कलाकारों का संघर्ष

इन्दौर नटराज थिएटर ग्रुप ने मंगलवार को अभिनव कला समाज में नाटक मस्तमौला का मंचन किया। नाटक का निर्देशन सौरभ शर्मा ने किया। नाटक की शुरुआत में एक पंडित है, जिसके घर में तीन कलाकार किराए से रहते हैं। पंडित के यहां एक नौकर है जो बीच-बीच में आकर हंसी-ठिठोली करता है। इस बीच उन तीन कलाकारों में से एक को पंडित की बेटी से प्यार हो जाता। जब ये बात पंडित को पता चलती है तो पंडित उन तीनों को अपने घर से निकाल देता है फिर तीनों कलाकार सडक़ों पर अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए भीख मांगते हैं, लेकिन उन तीनों के चले जाने के बाद पंडित को एहसास होता है की उसने गलती की है। नाटक के आखिर में पंडित उन तीनों को वापस घर लाता है और संघर्षरत अभिनेता छबीले से अपनी बेटी की शादी कर देता है। नाटक में मुख्य कलाकारों में पंडित की भूमिका अभिधान लोधी, तीनों कलाकारों रंगीले, सुरीले और छबीले के किरदारों में थे पलाश पाठक, सतीश मुकाती और संस्कार दिवेदी। नाटक में श्रोताओं ने कई मर्तबा तालियां बजाई। प्रारंभ में अभिनव कला समाज के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल एवं प्रधानमंत्री संजीव आचार्य ने दीप प्रज्ज्वलन कर नाटक का शुभारंभ किया। स्वागत नटराज थिएटर के प्रमुख अर्जुन नायक ने किया।