मोदी-शाह की टीम भाजपा के जिला, मंडल पदाधिकारियों से ले रही फीडबैक

जन आशाीर्वाद का क्या हुआ असर और क्या सोच रही है जनता?
भोपाल, । मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के पहले भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में 3 से 25 सितंबर तक पांच अलग-अलग जन आशीर्वाद यात्राएं निकालीं। जन आशीर्वाद यात्राएं अपने ध्येय में कितनी सफल रहीं और इसका विधानसभा चुनाव में भाजपा को क्या और कितना फायदा होने वाला है, इसका फीडबैक लेने के लिए मोदी-शाह ने संघ के प्रचारक स्तर के एक पदाधिकारी के नेतृत्व में टीम को हाल ही में मध्यप्रदेश भेजा है। यह टीम जन आशीर्वाद यात्रा के फीडबैक की रिपोर्ट भाजपा हाईकमान को देगी। जिसके बाद पार्टी विधानसभा चुनाव की आगामी रणनीति तय करेगी।
भाजपा सूत्रों के अनुसार मोदी-शाह की यह टीम प्रदेशभर में जाकर भाजपा के जिला, मंडल स्तर के पदाधिकारियों के साथ पुराने नेताओं एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से अलग-अलग जन आशीर्वाद यात्राओं का फीडबैक ले रही है। इसमें पार्टी के जिला, मंडल पदाधिकारियों और पुराने नेताओं से
जन आशीर्वाद यात्रा का विधानसभा चुनाव में पार्टी को क्या फायदा होगा? किस विधानसभा सीट पर पार्टी की क्या स्थिति है और चुनाव प्रबंधन की क्या स्थिति है? कौन-कौन नेता नाराज हैं और उन्हें कैसे मनाया जा सकता है, ऐसे कई सवाल पूछे जा रहे हैं।

  • मिली कई शिकायतें
    भाजपा सूत्रों के अनुसार जन आशीर्वाद यात्राओं की फीडबैक टीम को प्रदेश भर से जिला, मंडल पदाधिकारियों और पुराने नेताओं की अलग-अलग शिकायतें सामने आई हैं। जिसमें कुछ जगह जिला एवं मंडल पदाधिकारियों ने जन आशीर्वाद यात्रा में स्थानीय विधायकों के सहयोग न करने की शिकायत की। कुछ पदाधिकारियों ने जन आशीर्वाद यात्रा का पार्टी का साहित्य, गमछे और बुकलेट नहीं मिलने की भी शिकायतें कीं। पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं की शिकायत थी कि विधायक उन्हें तवज्जो नहीं देते हैं। इस तरह की शिकायतें सिंधिया के करीब मंत्रियों और विधायकों को लेकर ज्यादा रहीं।
  • क्या ध्येय था जन आशीर्वाद यात्रा का
    हम बता दें कि भाजपा जन आशीर्वाद यात्राओं को निकालने के पीछे भाजपा हाईकमान का ध्येय विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश की जनता के मूड को समझना, एंटी इनकबेंसी को रोकना और सत्ता-संगठन से नाराज नेताओं-कार्यकर्ताओं में उत्साह फूंकना था।