आजादी के शताब्दी पर्व पर गुजरात को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य : मुख्यमंत्री

भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में एफआईसीसीआई की नेशनल एक्जीक्यूटिव कमिटी की मीटिंग का शुभारंभ
अहमदाबाद | मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को अहमदाबाद में आयोजित एफआईसीसीआई की नेशनल एक्जीक्यूटिव कमिटी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरक उपस्थिति में वाइब्रेंट समिट के बीस वर्ष पूरे होने पर समिट ऑफ सक्सेस आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की वाइब्रेंट समिट ब्रांडिंग नहीं बल्कि बॉन्डिंग की भावना को एफआईसीसीआई ने सही अर्थ में सार्थक किया है। ऐसे में सरकार आजादी के अमृतकाल में विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात बनाने के लिए तैयार है। इसके लिए जनवरी 2024 में आयोजित होने वाले दसवें वाइब्रेंट समिट की थीम गेटवे टू द फ्यूचर रखी गई है। मुख्यमंत्री ने 2003 से अब तक हर वाइब्रेंट समिट में एफआईसीसीआई की भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि गुजरात को भारत के ग्रोथ इंजन के रूप में पहचान दिलाने में एफआईसीसीआई का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी के शताब्दी पर्व पर गुजरात को 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य को पूर्ण करने में भी एफआईसीसीआई का योगदान मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अभूतपूर्व प्रगति की है और विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में ख्याति प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब दुनिया का कारोबार धीमा पड़ गया था तब प्रधानमंत्री ने हर भारतीय में आत्मविश्वास जगाया जिससे देश बहुत जल्द इस विश्वव्यापी महामारी से उबरने में सफल रहा।
मुख्यमंत्री ने गुजरात के अविरत विकास के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि देश में गुजरात की भौगोलिक भागीदारी 6% है वही जीडीपी में 8% योगदान है। कुल औद्योगिक उत्पादन में भी गुजरात का 18% योगदान है।साथ ही, देश के कुल निर्यात में गुजरात की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि दो दशक पहले राज्य का कुल औद्योगिक उत्पादन ₹1.27 लाख करोड़ था जो अब ₹16.19 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। इस प्रकार गुजरात एक मॉडल स्टेट के रूप में स्थापित हुआ है। मुख्यमंत्री ने गुजरात को पॉलिसी ड्रिवन राज्य बताते हुए कहा कि हाल ही में गुजरात ने नवीकरणीय ऊर्जा नीति लॉंच की है। इस पॉलिसी द्वारा पवन, सौर और जल ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना को प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस पॉलिसी से भविष्य में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में पांच लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा। मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि उद्योग, व्यवसाय में गुणवत्ता पर जितना ध्यान दिया जाता है, उतना ही ध्यान पर्यावरण के लिए हानिकारक बाय प्रोडक्ट पर भी देना जरूरी है। उन्होंने एफआईसीसीआई जैसे संगठनों से पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में अग्रणी भूमिका निभाने का आग्रह किया और उन्हें विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार उनके साथ खड़ी रहेगी। आज के अवसर पर एफआईसीसीआई के पदाधिकारियों ने अनोखे रूप से मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस खास अवसर पर तीर्थधाम वैष्णोदेवी में 10 वृक्ष लगाए जाएंगे। जिसके प्रमाण के रूप में मुख्यमंत्री को ग्रीन सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।
इस मीटिंग में एफआईसीसीआई के अध्यक्ष सुब्रकांत पांडा, उपाध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल, गुजरात इकाई के अध्यक्ष राजीव गांधी, पूर्व अध्यक्ष एवं जायडस ग्रुप के अध्यक्ष पंकज पटेल तथा गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा, तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों से आए कमिटी मेंबर्स सहभागी हुए।