पी 20 समिट में पीएम मोदी बोले

आतंकवाद की परिभाषा को लेकर सहमति न बन पाना दुखद
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली में 9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) का उद्घाटन किया। इसकी थीम ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद’ रखी गई है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा- पी20 समिट, उस भारत-भूमि पर हो रही है, जो मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। यह समिट एक प्रकार से दुनिया भर की संसदीय प्रथाओं का महाकुंभ है। कार्यक्रम में 25 देशों के प्रिजाइडिंग ऑफिसर और जी20 सदस्य देशों के 10 डिप्टी स्पीकर शामिल हुए। हालांकि, खालिस्तान विवाद के बीच कनाडा की स्पीकर रेमोंडे गैग्ने कार्यक्रम में नहीं आईं।
प्रधानमंत्री ने कहा- आतंकवाद को लेकर हम सभी को सख्ती बरतनी होगी। आतंकवाद की परिभाषा को लेकर आम सहमति ना बन पाना बहुत दुखद है। आज भी यूएन इसका इंतजार कर रहा है। दुनिया के इसी रवैया का फायदा मानवता के दुश्मन उठा रहे हैं। दुनिया भर के प्रतिनिधियों को सोचना होगा की आतंकवाद के खिलाफ हम कैसे काम कर सकते हैं।
मोदी ने भारत की संसद पर हमले का जिक्र किया
मोदी ने कहा- करीब 20 साल पहले आतंकवादियों ने हमारी संसद को निशाना बनाया था। उस समय संसद का सत्र चल रहा था और आतंकवादियों की मंशा सांसदों को खत्म करने की थी। दुनिया को भी एहसास हो रहा है कि आतंकवाद दुनिया के लिए कितनी बड़ी चुनौती है। आतंकवाद जहां भी होता, किसी भी कारण, किसी भी रूप में होता वह मानवता के विरुद्ध होता है।
समिट शक्ति के जश्न मनाने का माध्यम
प्रधानमंत्री ने कहा- भारत चंद्रमा पर उतरा। भारत ने जी 20 शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी की। आज हम पी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं। यह शिखर सम्मेलन शक्ति का जश्न मनाने का भी एक माध्यम है। भारत आज हर सेक्टर में विमेन पार्टिसिपेशन को बढ़ावा दे रहा है। हमारी संसद द्वारा लिया गया हाल का फैसला, हमारी संसदीय परंपरा को और समृद्ध करेगा।
भारत में चुनाव सबसे बड़ा पर्व
प्रधानमंत्री ने कहा- भारत में हम लोग आम चुनाव को सबसे बड़ा पर्व मानते हैं। 1947 में आजादी मिलने के बाद से अब तक भारत में 17 आम चुनाव और 300 से अधिक विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव ही नहीं कराता, बल्कि इसमें लोगों की भागीदारी भी बढ़ रही है। देशवासियों ने मेरी पार्टी को लगातार दूसरी बार विजयी बनाया है।
हमारा संसदीय प्रक्रियाओं में अटूट भरोसा
मोदी ने कहा- 2019 का आम चुनाव मानव इतिहास की सबसे बड़ी कसरत थी। इसमें 60 करोड़ वोटर्स ने हिस्सा लिया। तब भारत में 91 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे, जो पूरे यूरोप की कुल आबादी से अधिक है। यह दिखाता है कि भारत में लोगों का संसदीय प्रक्रियाओं में कितना भरोसा है।
विनोद उपाध्याय / 13 अक्टूबर, 2023