लखपति दीदी के सहारे सत्ता में वापसी की जुगत
भोपाल । मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत और पांचवीं सरकार बनाने के लिए भाजपा एक के बाद एक दांव लगा रही है। भाजपा ने लाड़ली लक्ष्मी और लाड़ली बहना योजना के बाद अब प्रदेश की एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी का बड़ा दांव चला है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनावी सभाओं में लाड़ली बहना योजना का जिक्र तो कर ही रहे हैं कि इसके साथ ऐलान कर रहे हैं कि अब प्रदेश की महिलाओं की लखपति दीदी बनाएंगे। कहने का मतलब है भाजपा ने लाड़ली बहना और लखपति दीदी के सहारे सत्ता में पुन: वापसी की जुगत लगा दी है। हम बता दें कि इसके पहले पीएम नरेंद्र मोदी भी 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पूरे देश में लखपति दीदी अभियान की शुरूआत करने का ऐलान कर चुके हैं।
सीएम शिवराज सिंह चौहान जगह-जगह चुनावी सभाओं में कह रहे हैं कि मेरी लाड़ली बहनों मुझ पर भरोसा करना कि तुम्हारा भैया आने वाले पांच साल में हर बहना को लखपति बनाऊंगा। यह बहुत सोच समझकर कहा रहा हूं कि लखपति दीदी का मतलब घर का कामकाज करते हुए जिनकी आमदनी एक लाख रुपए साल से ज्यादा हो वो लखपति दीदी। अब इसका स्वरूप मध्यप्रदेश में क्या होगा, ये तो तब पता चलेगा, जब मप्र में भाजपा की सरकार बनेगी और लखपति की योजना लागू की जाएगी। लेकिन फिलहाल तो लाड़ली बहना के बाद भाजपा ने लखपति दीदी के रूप में एक और बड़ी घोषणा का ऐलान कर दिया है। हालांकि भाजपा की लाड़ली बहना और लखपति दीदी के सामने कांग्रेस ने सरकार बनने पर नारी सम्मान योजना शुरू करने का वचन दिया है।
भाजपा के इस नए दांव का मतलब
राजनीतिक विज्ञानियों का कहना है कि प्रदेश में अभी लगभग 5 करोड़ 40 लाख मतदाता हैं। इसमें महिलाओं की आबादी करीब 1 करोड़ 25 लाख है और लगभग सभी मतदाता हैं। कहने का मतलब है मप्र में कुल मतदाता के 25 फीसदी मतदाता महिलाएं हैं। यदि लाड़ली बहना और लखपति दीदी का दांव चला तो भाजपा को विधानसभा चुनाव में बड़ा लाभ होगा।
‘लाडली बहना’ से भाजपा की वापसी का गणित
-कुल 1 करोड़ 25 लाख लाडली बहना का पंजीयन, इन्हें अब 1250 रुपये प्रतिमाह मिल रहे।
-1 करोड़ 25 लाख में से आधे वोट भी यदि भाजपा को मिलते हैं तो ये होंगे करीब 50 लाख वोट।
-50 लाख वोट मतलब है, कुल मतदाताओं के 10 फीसदी वोट भाजपा को मिल सकते हैं।
-50 लाख वोट का यदि पिछले चुनाव के वोटिंग ट्रेंड्स 70 फीसदी मतदान से देखें तो ये आंकड़ा कुल मतदान का करीब 15 फीसदी होगा।
-मप्र में भाजपा-कांग्रेस के बीच अब तक वोट प्रतिशत का अंतर 1 से 3 फीसदी रहता आया है।
-ऐसे में महिलाओं के 15 फीसदी वोट की बढ़त 30 से 35 फीसदी सीट में बढ़ोतरी कर सकती है।