भोपाल । ईएमएस मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने फिर बड़ी जीत दर्ज की है। भाजपा ने 230 विधानसभा सीटों में से अप्रत्याशित 164 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि कांग्रेस को सिर्फ 63 सीटों से संतोष करना पड़ा है। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कौन बनेगा? भारतीय जनता पार्टी ने सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया था। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव में जिस तरह मेहनत की है। जिस तरह उनकी लाड़ली बहना ने चुनाव में कमाल दिखाया, क्या पार्टी उन्हें सीएम पद की दौड़ से दरकिनार कर पाएगी? भाजपा ने चुनाव में शिवराज सिंह चौहान को सीएम फेस इसलिए नहीं बनाया था। ताकि सरकार विरोधी लहर (एंटी इनकंबेंसी) को खत्म किया जा सके। मप्र में इसके उलट हो गया। जनता ने खासकर महिलाएं शिवराज सरकार की योजनाओं से इतनी प्रभावित थीं। उन्होंने भाजपा को जमकर वोट दिया। पार्टी ने जिसे सीएम फेस नहीं बनाया था। क्या वह पांचवी बार सीएम के लिए शिवराज सिंह का नाम प्रस्तावित करेगी ? और फिर शिवराज नहीं तो, कौन होगा, मप्र में मुख्यमंत्री पद का दावेदार?। चर्चा है कि शिवराज अगर सीएम नहीं बनते हैं, तो पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया,नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, वीडी शर्मा और प्रहलाद सिंह पटेल में से किसी एक को मप्र का मुख्यमंत्री बना सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिस तरह मप्र में भाजपा के पक्ष में नतीजे आए हैं। सीएम शिवराज की प्रदेश में लोकप्रियता है।उससे शिवराज को पार्टी पांचवीं बार मुख्यमंत्री बना सकती है। हालांकि, उनका पांचवा टर्म उनके मुख्यमंत्री बनने की राह में रोड़ा बन सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि, पार्टी 2024 लोकसभा चुनावों तक शिवराज को सीएम बनाए रख सकती है। इसके बाद शिवराज को केंद्र की राजनीति में भविष्य के लिए तैयार किया जा सकता है। इसके अलावा जिस तरह आज सुबह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद चलकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास मिलने पहुंचे हैं। उससे तो यही लगता है कि कहीं न कहीं सिंधिया का नाम भी सीएम पद के लिए चल रहा है। सिंधिया संघ और पीएम मोदी की पसंद माने जाते हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी सीएम पद के लिए चर्चाओं में है। इंदौर विधानसभा क्रमांक-एक से टिकट मिलने के बाद से विजयवर्गीय लगातार यह कहते रहे हैं कि मैं सिर्फ विधायक बनने नहीं आया हूं। पार्टी की ओर से मुझे कुछ और बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम भी सीएम पद के दावेदारों में लिया जा रहा है। मप्र चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाए जाने के बाद से ही नरेंद्र सिंह तोमर के नाम की चर्चा है। केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद उन्हें चुनाव लडऩे के लिए केंद्र ने भेजा, तब तो ऐसा लगा जैसे उनके नाम पर मुहर ही लग गई है। हालांकि जिस तरह का वीडियो वायरल हुआ है। उनकी छवि कमजोर हुई है।भाजपा हाईकमान की वो हमेशा से सबसे पसंदीदा रहे हैं। इसलिए सीएम पद के लिए उनके नाम को नकारा नहीं जा सकता है। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को भी सीएम पद के लिए प्रमुख दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। उन्हें विधानसभा चुनाव नहीं लड़ाया गया है। चुनाव प्रचार के दौरान कई ऐसे संकेत मिले हैं, जिसकी वजह से उनके नाम की भी चर्चा है। प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने जिस तरह से वीडी शर्मा को तवज्जो दी, उससे भी ऐसी संभावना को बल मिला है। इसके अलाव वीडी शर्मा संघ की पसंद भी हैं।