:: इन्दौर के यादव अहीर संगठनों से आत्मीय रिश्ते रहे हैं राज्य के नए कप्तान के – बधाई के फोन खुद ने ही उठाए ::
इन्दौर । राज्य के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के इन्दौर के यादव बंधुओं एवं संगठनों से भी आत्मीय रिश्ते रहे हैं। इन्दौर की तरह डॉ. यादव उज्जैन में भी हर वर्ष जन्माष्टमी पर अपने कुल देवता भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर शोभायात्रा निकालते हैं और इन्दौर के यादव बंधुओं को भी वहां बुलवाते हैं। वे वहां की शोभायात्रा का समय इस तरह समायोजित करते हैं कि इन्दौर के बंधु उज्जैन में और उज्जैन के यादव बंधु इन्दौर की शोभायात्रा में भागीदारी कर सकें। इस वर्ष भी 7 सितम्बर को जन्माष्टमी के अवसर पर बड़ा गणपति से निकले यादव अहीर समाज केन्द्रीय समिति के जुलूस में डॉ. मोहन यादव स्वयं शामिल हुए और बड़ा गणपति से इमली बाजार चौराहे तक जुलूस के साथ पैदल चले।
इस दौरान जब उन्हें पता चला कि केन्द्रीय समिति इन्दौर के अध्यक्ष ओंकार यादव स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद अपनी अगाध श्रद्धा के चलते इस जुलूस में एक ई-रिक्शा में सवार होकर आए हैं तो डॉ. मोहन यादव उन्हें ढूंढते हुए पूर्व विधायक रामलाल यादव भल्लू भैया के पुत्र दीपू यादव एवं ओंकार यादव के पुत्रों प्रदीप एवं रणजीत यादव को लेकर वहां पहुंचे, जहां ओंकार यादव रिक्शे में सवार होकर सड़क के एक तरफ खड़े होकर जुलूस को निहार रहे थे। डॉ. यादव ने ओंकार यादव के कुशलक्षेम पूछे और अपने साथ लाए पुष्प हार को उनके गले में डालकर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामनाएं भी व्यक्त की। डॉ. मोहन यादव की ऐसी सहजता और सरलता अक्सर कहीं भी देखने को मिल जाती है, जब वे अपने विधायक या मंत्री होने से अलग हटकर एक आम व्यक्ति की तरह सबसे आत्मीयता से मिलते हैं।
कल जब डॉ. मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने की सूचना इन्दौर में यादव बंधुओं को मिली तो ओंकार यादव के इमली बाजार स्थित निवास सहित अनेक स्थानों पर यादव बंधुओं ने एकत्र होकर मिठाईयां बांटी। डॉ. यादव पिछले तीन वर्षों से लगातार हर वर्ष जन्माष्टमी महोत्सव के जुलूस में इन्दौर आते रहे हैं। कभी बड़ा गणपति से तो कभी रामबाग और कभी जुलूस के समापन पर श्रम शिविर पर उनकी उपस्थिति हमेशा रही है। इसके पूर्व भी इन्दौर के यादव अहीर संगठनों ने उन्हें जब-जब याद किया, वे इन्दौर के सामाजिक कार्यक्रमों में आते रहे हैं। जय हिन्द भवन से लेकर यादव समाज की बैठकों में भी उनका इन्दौर से रिश्ता जुडा रहा है। गौर करने की बात यह भी है कि ओंकार यादव लंबे समय तक शहर कांग्रेस सेवादल में पदाधिकारी रहे हैं और डॉ. मोहन यादव भाजपा की विचारधारा के पोषक – इसके बावजूद राजनीति से परे रहकर वे सामाजिक कार्यों में हमेशा आत्मीयता से मिलते रहे हैं। अब मुख्यमंत्री बन जाने के बाद डॉ. यादव से समाज के बंधुओं की उम्मीदें बहुत ज्यादा होना स्वाभाविक है। आज ओंकार यादव सहित अनेक यादव बंदुओं ने जब उन्हें बधाई देने के लिए फोन किए तो हमेशा की तरह उन्होंने पहली दूसरी घंटी में ही फोन उठाकर अपनी चिरपरिचित शैली में उनके जवाब भी दिए।