आज दोपहर अरणि मंथन के साथ शुरू होगा पंच कुंडीय श्रीराम महायज्ञ

इंदौर । अयोध्या में रामलला मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में स्कीम 51, संगम नगर स्थित मनोकामना पूर्ण दुर्गा माता मंदिर में होने वाले श्रीराम महायज्ञ का शुभारंभ सोमवार, 15 जनवरी को दोपहर 3 बजे राज्य के नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अरणि मंथन कर करेंगे। रविवार को भी यज्ञशाला के शुद्धिकरण का अभियान जारी रहा।
यज्ञ संयोजक पं. योगेन्द्र महंत एवं उद्योगपति योगेश मेहता ने बताया कि सोमवार, 15 जनवरी को सुबह 9 बजे से प्रथम सत्र में प्रमुख यजमान राजेश गर्ग केटी एवं अन्य सहयोगी बंधु विद्वान ब्राम्हणों के निर्देशन में प्रायश्चित कर्म, विष्णु पूजन, पंचांग कर्म आदि शास्त्रोक्त विधानों का पालन करेंगे। इन रस्मों के बाद मंगल कलश लेकर विद्वान ब्राह्मणों द्वारा यज्ञशाला में प्रवेश किया जाएगा। महायज्ञ के आचार्य पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक के निर्देशन में दोपहर 3 बजे अरणि मंथन के माध्यम से यज्ञशाला में अग्नि स्थापना होगी। आहुतियों का क्रम अग्नि स्थापन के बाद ही शुरू होगा। यज्ञशाला में जो पांच कुंड बनाए गए हैं वे पद्म, चतुरस, योनी, अर्धचंद्र एवं वृत्त कुंड आकार के हैं। यज्ञ प्रतिदिन दो पारियों में, सुबह 9 से 12 एवं दोपहर 3 से 6 बजे तक होगा। महायज्ञ के सुचारू संचालन हेतु गठित समिति में महापौर परिषद के सदस्य अश्विनी शुक्ला, पार्षद पराग कौशल, राजेश बंसल, शिव जिंदल, गोविंद, सिंह पंवार, लक्की अवस्थी, ऋषभ शुक्ला, सुमित झा, रितिक शुक्ला, अशोक चौहान चांदू, जयदीप जैन आदि शामिल किए गए हैं।
महायज्ञ के आचार्य पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक ने बताया कि यज्ञ का पूर्णाहुति 22 जनवरी को ठीक उस समय होगी, जब अयोध्या में रामलला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होगी। इस दौरान स्कीम 51, संगम नगर में भी आकर्षक आतिशबाजी एवं आकर्षक दीपोत्सव भी मनाया जाएगा। प्रतिदिन यज्ञ के दौरान राम रक्षा स्त्रोत , हनुमान चालीसा के 108 पाठ, सुंदरकांड पाठ एवं राम नाम के जाप भी असंख्य श्रद्धालु मनोकामनापूर्ण दुर्गा माता मंदिर पर करेंगे। यज्ञ में पुरुष सुक्त की वैदिक ऋचाओं से विद्वान ब्राह्मण एवं यजमान पांच विविध आकृतियों के आकर्षक कुंडों पर आठ दिनों में 1 लाख 60 हजार आहुतियां प्रभु श्रीरामजी को समर्पित करेंगे।
संलग्न चित्र –
इंदौर। स्कीम 51, संगम नगर स्थित दुर्गा माता मंदिर परिसर में श्रीराम महायज्ञ के लिए निर्मित यज्ञशाला ।