नई दिल्ली । गुरुग्राम के एक रेस्तरां में माउथ फ्रेशनर के स्थान पर ड्राई आइस खाने से पांच लोग खून की उल्टी करने लगे, इसके बाद उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। उन्हें तत्काल निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया, जहा दो लोगों की हालत गंभीर है। मामले में कैफे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस इसकी तफ्तीश में जुट गई है, लेकिन ये ड्राई आइस क्या होती है, जिसे खाने के बाद खून की उल्टी शुरू हो गईं?
दरअसल ड्राई आइस है। यह कार्बन डाई ऑक्साइड का ठोस रूप होता है। इसका इस्तेमाल कूलिंग एजेंट के रूप में होता है। अब मेडिकल से लेकर फूड इंडस्ट्री में इसका इस्तेमाल हो रहा है। यह एकदम सूखी बर्फ की तरह होती है और यह पानी से बनाई हुई नहीं होती है।
इसकी खास बात ये है कि यह काफी ठंडी होती है। अगर घर वाली नॉर्मल बर्फ की बात करें तब उसका तापमान माइनस 2-3 होता है, लेकिन इसकी सतह का तापमान माइनस 80 डिग्री तक होता है। यह सामान्य बर्फ की तरह गीली नहीं होती है। इस बर्फ को बनाने के लिए पहले कार्बन डाई ऑक्साइड को 109 डिग्री फॉरेनाइट तक ठंडा करके कम्प्रेस किया जाता है, जिससे यह गैस बर्फ बन जाती है और इसकी शेप छोटे या बड़े टुकड़े में कंवर्ट कर दी जाती है।
क्यों होती है खतरनाक?
इसमें कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस होती है, लेकिन ये इतनी खतरनाक नहीं होती। हालांकि, यह काफी ज्यादा ठंडी होती है, इस वजह से इससे शरीर की कोशिकाएं मरने लगती है। इसकारण सीधे छूने के लिए मना किया जाता है। साथ ही कहा जाता है कि इस एयर टाइट बॉक्स में नहीं रखना चाहिए। इसका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।