नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव की घोषणा होती उससे पहले ही चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने बड़ा फैसला लेते हुए अपने पद से ही इस्तीफा दे दिया है। यहां उन्होंने पद से इस्तीफा दिया वहां राष्ट्रपति ने मंजूर भी कर लिया। इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं और कांग्रेस ने तो वकायदा इस्तीफे के तीन कारण ही गिना दिए हैं।
चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने पद छोड़ने की वजह नहीं बताई है, अत: उनके इस्तीफे को लेकर अब राजनीतिक गलियारे में सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस ने अरुण गोयल के इस्तीफे को लेकर सवाल उठाए और खुद भी तीन कारण बता दिए हैं। यहां बतला दें कि अरुण गोयल का कार्यकाल अभी 3 साल और बचा हुआ था। उनका कार्यकाल 2027 में समाप्त होना था। खास बात यह है कि मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के रिटायरमेंट के बाद अगले साल फरवरी में अरुण गोयल को मुख्य चुनाव आयुक्त की जगह लेने वाला बताया जा रहा था, ऐसे में उनका इस्तीफा अनेक सवाल छोड़ गया है।
कांग्रेस ने क्या कहा-
कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने इस संबंध में बयान देते हुए कहा कि पिछले आठ माह से इंडिया गठबंधन की पार्टियां चुनाव आयोग से समय मांग रही हैं। उन्होंने कहा कि हमने वीवीपैट की मांग की है क्योंकि देश में ईवीएम का मतलब इलेक्टॉनिक वोटिंग मशीन नहीं बल्कि इलेक्टॉनिक वोटिंग मेनीपुलेशन हो गया है। हमें चुनाव आयोग समय नहीं दे रहा और हमसे मिलने से इनकार करता है। ऐसे मामलों में एक संवैधानिक संस्था को निष्पक्ष होना चाहिए।
इसके साथ ही कांग्रेस नेता जयराम ने सवाल किया कि कल अरुण गोयल ने इस्तीफा दिया इससे मेरे मन में तीन वजह आई हैं। उन कारणों के अनुसार क्या उनके और मुख्य चुनाव आयुक्त के बीच मतभेद आ गए हैं? क्या उनके और मोदी सरकार के बीच कुछ मतभेद आ गए हैं…। उन्होंने आगे कहा है कि मेरे मन यह भी आया कि अभी-अभी कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस ने इस्तीफा दिया है और बीजेपी में शामिल हो गए हैं, क्या इन्होंने भी बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया है? इस पर अगले कुछ दिन में स्पष्टीकरण तो आ ही जाएगा, लेकिन मेरे मन में यह सवाल उठ रहे हैं। जयराम ने इन्हें लोकतंत्र को कमजोर करने वाला और लोकतंत्र पर आक्रमण बताया है। बहरहाल इस्तीफे का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सका है।