नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत पर बाहर आए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मेडिकल आधार पर सात दिन की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग वाली याचिका पर शनिवार को लंबी जिरह हुई। ईडी की ओर से पेश सालिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता और अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने केजरीवाल की जमानत याचिका का पुरजोर विरोध करते हुए गंभीर सवाल उठाए। जांच एजेंसी ने कहा कि अगर केजरीवाल का स्वास्थ्य खराब था तो वह पूरे देश में क्यों घूम-घूम कर रोड शो और रैलियां कर रहे थे। ईडी ने केजरीवाल के दावे जिसमें कहा गया था कि गिरफ्तारी के दौरान उनका छह-सात किलोग्राम वजन कम हो गया था, को झूठ बताते हुए कहा कि इस तरह के बयान केवल सहानुभूति के लिए दिए गए हैं। ईडी ने कहा कि केजरीवाल का वजन सात किलो घटा नहीं बल्कि एक किलो बढ़ा है। ईडी ने दलील दी कि केजरीवाल जमानत पर जेल से बाहर रहने के लिए स्वास्थ्य संबंधी स्थिति का बहाना बना रहे हैं। वो जांच में देरी करके अदालत को धोखा देना चाहते हैं। उन्होंने आवेदन दाखिल करने में देरी की। कोई किडनी की बीमारी नहीं है। अगर होती तो डायलिसिस की जरूरत होती। यह सब उनकी कल्पना है और सब फर्जी है। वहीं, केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने दलील दी कि केजरीवाल का स्वास्थ्य खराब है, जिसके लिए कई जांचें करानी हैं। उन्होंने दावा किया कि ईडी की हिरासत में केजरीवाल का वजन 69 किलोग्राम था, लेकिन आज उनका वजन 64 किलोग्राम है। उन्होंने कहा कि अगर अदालत को लगता है कि पांच दिन पर्याप्त हैं या चार दिन पर्याप्त हैं तो वो भी ठीक है। हालांकि, हरिहरन अदालत को आंकड़े पांच किलो वजन घटने के पेश कर रहे थे पर दलीलों में वो सात किलो वजन घटने का दावा कर रहे थे। एसजी तुषार मेहता ने केजरीवाल के आत्मसमर्पण करने के बयान को लेकर आपत्ति जताते हुए कहा कि केजरीवाल कल प्रेस कान्फ्रेंस कर घोषणा कर रहे थे कि वह आत्मसमर्पण करने जा रहे हैं। क्या वो जोखिम उठाकर सरेंडर कर रहे हैं? क्या उनका बयान सही था? उनके स्वास्थ्य के बारे में गलत बयान दिए गए। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने दलील दी कि केजरीवाल का दावा झूठा है। जब वो तिहाड़ में आए थे तब उनका वजन 64 किलोग्राम था। आज उनका वजन 65 किलोग्राम है। एएसजी राजू ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि केजरीवाल दो जून तक आत्मसमर्पण करेंगे। केजरीवाल तकनीकी रूप से सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग कर रहे है और इसकी अनुमति नहीं है। अंतरिम जमानत के लिए उन्हें हिरासत में होना चाहिए था पर आज वो हिरासत में नहीं हैं। ऐसे में आवेदन सुनवाई योग्य नहीं है।