नई दिल्ली । जब देश के तमाम भाजपा विरोधी दल एकजुट होने का प्रयास कर रहे थे तब नीतीश कुमार ने इसके लिए जी-तोड़ मेहनत की थी। सभी को एकजुट किया और इंडिया गठबंधन को खड़ा कर दिया। इसके बाद नीतीश कुमार को संयोजक बनाने की बारी आई तो कई दलों ने साफ मना कर दिया। आज वही लोग बिहार के सीएम नीतीश कुमार के लिए पीएम का ऑफर लेकर घूम रहे हैं। जेडीयू नेता केसी त्यागी के इस बयान ने सियासी खलबली मचा दी है।एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि चुनाव नतीजे सामने आने के बाद इंडिया गठबंधन के नेताओं की ओर से नीतीश को प्रधानमंत्री पद का ऑफर दिया गया, लेकिन उन्हें इसे ठुकरा दिया।
केसी त्यागी ने आगे कहा कि आईएनडीआई गठबंधन के नेताओं द्वारा नीतीश कुमार के साथ किए गए दुर्व्यवहार की वजह से उन्होंने विपक्ष से रिश्ता तोड़ लिया है। वहीं,जेडीयू को भाजपा सम्मान दे रही है। बताते चलें कि जेडीयू ने देश के दो बड़े विषयों पर अपना रुख स्पष्ट किया है। वह सेना में भर्ती वाली अग्निवीर योजना की समीक्षा और समान नागरिक संहिता पर सभी राज्यों से बातचीत के पक्ष में है। जदयू की अपेक्षा राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित गणना कराने की भी है।
केसी त्यागी ने कहा कि अग्निवीर योजना का काफी विरोध हुआ। लोकसभा चुनाव में भी इसका असर देखा गया है। इसलिए इसपर फिर से विचार करने की जरूरत है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में बहुमत के आंकड़े को छूने में भाजपा असफल रही। हालांकि, एनडीए सरकार बनाने के लिए जेडीयू और टीडीपी ने भाजपा का समर्थन किया है। चुनाव में जेडीयू को 12 लोकसभा सीटें मिली है। वहीं टीडीपी को 16 सीटें सीटें प्राप्त हुई है। आईएनडीआई गठबंधन के सूत्रधार रह चुके नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कह दिया है कि वो इस एनडीए सरकार को अपना समर्थन देते रहेंगे।