मुंबई । करीब एक हफ्ते से अपने नखरों के चलते सुर्खियों में आईं महाराष्ट्र कैडर की आईएएस पूजा खेड़कर की नौकरी खतरे में आ गई है। यदि जांच में सबकुछ सही पाया गया तो उन्हे बर्खाश्त भी किया जा सकता है। पूजा के साथ ही उनके माता पिता की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पूजा अपनी विकलांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट को लेकर भी विवादों में घिर चुकी हैं। पूरे मामले की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक पैनल का गठन किया गया है। पैनल को अगर इसके साक्ष्य मिल जाते हैं तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त तक किया जा सकता है। इसके अलावा उनके खिलाफ जालसाजी का मुकदमा भी चलाया जा सकता है। रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि डीओपीटी के अतिरिक्त सचिव मनोज द्विवेदी का पैनल अगले दो हफ्तों में इस बात की जांच करेगा कि उन्होंने अपनी विकलांगता और ओबीसी स्टेटस को साबित करने वाले दस्तावेज कैसे हासिल किए। क्या जारी करने वाले अधिकारी ने उचित जांच की थी।
खेडकर के दावों की जांच कर रहा डीओपीटी पैनल उनके ओबीसी दर्जे की पुष्टि करने के लिए सामाजिक न्याय मंत्रालय की मदद ले सकता है। वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से होने का दावा करती हैं, लेकिन उनके पिता द्वारा दायर हलफनामे में उनकी संपत्ति 40 करोड़ रुपये से अधिक बताई गई है। वह एक पूर्व नौकरशाह हैं और हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में उम्मीदवार थे। हलफनामे में खेडकर को करोड़ों रुपये के फ्लैट और प्लॉट का मालिक दिखाया गया था।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि यह पहला मामला नहीं है जब सिविल सेवा के इच्छुक उम्मीदवार ने पीडब्ल्यूबीडी श्रेणी में चयन के लिए गलत विकलांगता का दावा किया हो। उन्होंने कहा कि लगभग हर साल ऐसे मामले सामने आते हैं जब झूठे विकलांगता दावों के आधार पर चुने गए लोग एम्स दिल्ली में अनिवार्य मेडिकल टेस्ट से बचते हैं। खेडकर के बारे में कहा जाता है कि वे अपनी विकलांगता की पुष्टि के लिए एम्स दिल्ली में अनिवार्य मेडिकल टेस्ट में उपस्थित होने से बार-बार इनकार कर देती हैं। उन्होंने पीडब्ल्यूबीडी की श्रेणी में आईएएस रैंक हासिल की थी। सूत्र का कहना है, पैनल अपने निष्कर्षों को डीओपीटी को सौंपेगा। फिर महाराष्ट्र सरकार को सिफारिशों के साथ रिपोर्ट भेजेगा। खेडकर को महाराष्ट्र कैडर आवंटित किया गया है। अगर उन्हें अपने ओबीसी और विकलांगता के कागजात में जालसाजी करने का दोषी पाया जाता है, तो राज्य सरकार उन्हें बर्खास्त कर सकती है। इसके अलावा उन्हें जालसाजी के आरोप में मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।
आर्म एक्ट के तहत माता-पिता पर केस दर्ज
प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एक किसान को बंदूक के दम पर धमकाने के आरोप में उनकी मां मनोरम खेडकर और पिता दिलीप खेडकर सहित सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुणे ग्रामीण पुलिस ने नखरेबाज आईएएस अधिकारी के माता-पिता पर आर्म एक्ट का भी मुकदमा दर्ज किया है। एफआईआर देर रात पौड पुलिस स्टेशन में एक स्थानीय किसान की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई। किसान ने आरोप लगाया है कि उसे मनोरम खेडकर ने धमकाया था। एफआईआर आईपीसी की धारा 323, 504, 506 के तहत दर्ज की गई है। आर्म्स एक्ट के तहत भी आरोप लगाए गए हैं। पौड पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मनोज यादव ने इसकी जानकारी दी है।पूजा खेडकर की मां का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह हाथ में गन लेकर किसानों के सामने बंदूक लहरा रही हैं। हालांकि, अब तक साफ नहीं है कि वीडियो कब का है। पूजा खेडकर को हाल ही में पुणे से वाशिम ट्रांसफर किया गया है। इसके अलावा राजनीतिक गलियारों में भी ट्रेनी अधिकारी के मामले की सख्त जांच की मांग उठने लगी है।