पिपली बाजार उपाश्रय में हुई प्रवचनों की अमृत वर्षा

इन्दौर । गुरू को पाए बगैर भगवान भी भगवान नहीं बन सकते। आज तक जितने भी तीर्थंकर हुए हैं, उन सभी को कभी न कभी, कहीं न कहीं, कोई न कोई गुरू अवश्य मिले हैं। आपको जीवन में क्या मिलता हैं यह आधारित होता हैं आप औरों को क्या दे रहे हैं। औरों को आप जो दोगे वहीं आपको मिलेगा।
उक्त विचार आचार्य मुक्ति सागर सूरीश्वर म.सा. ने पिपली बाजार स्थित अर्बुद गिरिराज जैन श्वेताम्बर तपागच्छ उपाश्रय में पारिवारिक शांति शिविर में श्रावक-श्राविकाओं को प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने आगे अपने प्रवचनों में कहा कि सोमवार से रविवार तक सात वार होते हैं मगर इन सभी से प्यारा और न्यारा तो परिवार होता है। परिवार में प्रेम हैं, शांति हैं, सौहार्द हैं, एक-दुसरे के लिए कुछ कर गुजरने की शुभ भावना हैं तो वह उस परिवार का घर हैं अन्यथा ईंट, सीमेंट, रेत, पत्थर और मिट्टी का का मकान ही है। उन्होंने आगे कहा कि घर परिवार में सुख, शांति बनाए रखना हो तो छोटी-छोटी बातों को लेट गो करना सीखों और जीवन में शांति चाहते हो तो बड़ी-बड़ी मुसीबतों को पहाड़ सा टूट पड़ा हो ऐसे दु:ख दर्दों को लेट गुड करना सीख जाओ।
उपाश्रय ट्रस्ट अध्यक्ष पारसमल बोहरा, चातुर्मास समिति संयोजक पुण्यपाल सुराणा एवं कैलाश नाहर ने बताया कि मंगलवार को आचार्य मुक्ति सागर पिपली बाजार स्थित अर्बुद गिरिराज जैन श्वेताम्बर तपागच्छ उपाश्रय में प्रात: 9 से 10 बजे तक प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे।