भूटान नरेश और प्रधानमंत्री केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देख रह गए दंग

विजिटल बुक में खूबसूरत अक्षरों में लिखा भारत को शुभकामनाएं और स्मरण
नर्मदा | भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे के लिए सोमवार को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की एक यादगार यात्रा साबित हुई| भारत के पड़ोसी देश भूटान के ये दोनों राष्ट्राध्यक्ष एकतानगर में बनी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा को देखकर हैरान रह गए| भूटान के राजा के साथ एक प्रतिनिधिमंडल आज एकतानगर पहुंचा। पारंपरिक भूटानी पोशाक पहने विदेशी गणमान्य व्यक्तियों का स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। अतिथियों का स्वागत गुजरात की पहचान गरबा की प्रस्तुति से किया गया। भूटान नरेश समेत साथ प्रतिनिधिमंडल को वॉल ऑफ यूनिटी के बारे में जानकारी दी गई और बाद में परिसर के अंदर प्रदर्शनियों का अवलोकन कराया गया। जहां गाइड ने भारत की स्वतंत्रता की गाथा और उसके बाद भारत की एकता में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान का मार्मिक विवरण प्रस्तुत किया। जिसके पश्चात भूटान के राजा और प्रधानमंत्री दर्शक दीर्घा में पहुंचे और वहां से बारिश के मौसम के बीच सरदार सरोवर बांध का नजारा देखा। इस मौके पर भूटान नरेश समेत सभी को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण के पीछे की पृष्ठभूमि के बारे में बताया गया। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के दीदार के बाद राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने विजिटिंग पोथी में दर्ज किया। जिसमें उन्होंने खूबसूरत अक्षरों में लिखा, भारत को शुभकामनाएं और स्मरण। भूटान के इस सर्वोच्च प्रतिनिधिमंडल ने बाद में सरदार सरोवर बांध का भी दौरा किया| जहां सरदार सरोवर बांध के कारण गुजरात में पानी की समस्या के समाधान का विवरण दिया गया।