नई दिल्ली । नीट-यूजी 2024 परीक्षा के आधे जले हुए पेपर ने सीबीआई को एक अहम सुराग मिला और उसने पेपर लीक मामले को सुलझाने में मदद की। नीट पेपर लीक मामले में अपने आधिकारिक बयान में सीबीआई ने अपराध के बारे में खुलासा किया। सीबीआई के मुताबिक नीट यूजी 2024 पेपर पांच मई, 2024 को झारखंड के हजारीबाग में ओएसिस स्कूल से अवैध रूप से प्राप्त किया गया था।
सीबीआई ने कहा कि पंकज कुमार जिसे आदित्य और साहिल के नाम से भी जाना जाता है, पेपर लीक के पीछे के मास्टरमाइंड में से है, साथ ही स्कूल के प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और एक सहयोगी परीक्षा के पेपर तक अनाधिकृत पहुंच में शामिल थे।
आधे जले हुए पेपरों के बरामद टुकड़ों ने सीबीआई को नीट परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में मदद की, जहां से इसे लीक किया गया था। पांच मई की सुबह नीट पेपर से भरे ट्रंक स्कूल लाए गए और उन्हें नियंत्रण कक्ष में रख दिया गया। सीबीआई ने कहा कि ट्रंक पहुंचने के कुछ ही मिनट बाद स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल ने पेपर लीक के मास्टरमाइंड को कमरे में जाने दिया।
गिरोह ने पेपर से भरे ट्रंक को खोलने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया और बिना इजाजत उसमें से सामग्री निकाल ली। पेपर तक पहुंचने के बाद, इसे हजारीबाग में एमबीबीएस छात्रों द्वारा हल कराया गया। हल किए गए पेपर को फिर चुनिंदा छात्रों को पहुंचा दिया गया, जिन्होंने उत्तरों के लिए रकम भी दी। सीबीआई ने ऑपरेशन में शामिल अधिकांश सॉल्वरों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। जांच में यह भी पता चला है कि आरोपियों को ऐसे व्यक्तियों के एक नेटवर्क का समर्थन प्राप्त था, जिन्होंने उम्मीदवारों के आवास और उनके परिवहन का प्रबंध किया था।
वर्तमान में उन सभी छात्रों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है, जिन्हें लीक हुए पेपर मिले थे और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जा रही है। इस साल 23 जून से चल रही सीबीआई जांच में अब तक 36 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें बिहार पुलिस द्वारा पकड़े गए 15 लोग शामिल हैं।