युद्ध में प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण और निर्णायक कारक की भूमिका निभा रही है – लेफ्टिनेंट जनरल के एच गवास

इन्दौर मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन एंड इंजीनियरिंग (एमसीटीई) के लेफ्टिनेंट जनरल के एच गवास के मुख्य आतिथ्य में आईआईटी इंदौर में नए बी.टेक छात्रों का ओरिएंटेशन प्रोग्राम आयोजित किया गया। इसमें 101 स्टूडेंट्स, 01 ओसीआई तथा 37 प्रिपरेटरी सहित विभिन्न प्रोग्राम में लगभग 477 स्टूडेंट्स ने नामांकन कराया। इस अवसर पर, संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सुहास एस. जोशी ने नए शामिल हुए सभी छात्रों को बधाई दी और संबोधित किया। उन्होंने कहा कि – स्टूडेंट्स को यह समझने की जरूरत है कि वे यहां एक उद्देश्य के लिए हैं। आपको सामाजिक आवश्यकताओं को समझना होगा। इसे अपनी मुख्य जिम्मेदारी के रूप में लें और ऐसे समाधान विकसित करने के लिए नए विचारों के साथ आगे आएं जो सामान्य वर्ग के बीच रहने वाले लोगों के लिए फायदेमंद होंगे। उन्होंने कहा जैसा कि हमारी परंपरा रही है, इस वर्ष भी नए बी.टेक छात्रों को एमसीटीई, महू का दौरा करने और एक दिवसीय प्रशिक्षण तथा जीवन कौशल कार्यशाला में भाग लेने का अवसर मिलेगा । लेफ्टिनेंट जनरल के एच गवास ने स्टूडेंट्स कि सराहना करते हुए कहा कि आज युद्ध में प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण और निर्णायक कारक की भूमिका निभा रही है। एआई, रोबोटिक्स, अंतरिक्ष आधारित प्रौद्योगिकी, नैनो प्रौद्योगिकी आदि जैसी उभरती हुई प्रौद्योगिकियां डिस्रप्टिव प्रौद्योगिकियों के रूप में उभर रही हैं। जबकि हम अभी भी दुनिया के सबसे बड़े रक्षा आयातकों में से एक हैं। हमें इस चिंता को दूर करने और इन प्रौद्योगिकियों को स्वदेशी रूप से महत्वपूर्ण सैन्य क्षमताओं में बदलने के लिए हमारे युवा, उज्ज्वल, अभिनव आईआईटीयन की आवश्यकता है।
ज्ञात हो कि आईआईटी इन्दौर में इस वर्ष, स्पेस साइंस एंड इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग, मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग, इंजीनियरिंग फिजिक्स, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग और मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग एंड मैटेरियल्स साइंस सहित कुल 9 बी.टेक प्रोग्राम ऑफर किए जा रहे हैं। इनमें शामिल हुए नए छात्र जीवन कौशल, शैक्षणिक, अनुसंधान एवं विकास, छात्र कार्य, ट्रेनिंग तथा प्लेसमेंट, इनोवेशन तथा इन्क्यूबेशन, अंतर्राष्ट्रीय आउटरीच, सुरक्षा, छात्रावास तथा चिकित्सा सुविधाएं, पुस्तकालय तथा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ पर जेनेसिस नामक एक कार्यक्रम में भाग लेंगे।