भोपाल । राजधानी की जिला अदालत ने बीते साल छोला मंदिर थाना इलाके में नाबालिग किशोरी को बंधक बनाकर दुष्कर्म करने वाले को आरोपी मनीष यादव को को दोषी करार देते हुए 20 साल की जेल सहित अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किये जाने का फैसला सुनाया है। संभागीय जनसम्पर्क अधिकारी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि यह फैसला सुनील दंडोतिया 14वे अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) की कोर्ट ने सुनाया है। प्रकरण में शासन की और से विशेष लोक अभियोजक त्रिभुवन प्रसाद गौतम, सरला कहार, लक्ष्मी कसाव द्वारा पैरवी की गई है। मिली जानकारी के अनुसार 21 मई 2022 को किशोरी की मॉ ने थाना छोला मंदिर मे शिकायत दर्ज कराते हुए बताया था की उसकी 16 साल की बेटी सुबह करीब सवा 8 मंदिर मे पूजा करने का कहकर घर से गई थी, जो वापस नहीं लौटी। परिवार वालो ने उसकी आसपास सहित रिश्तेदारों में पूछताछ की लेकिन उसकी कोई जानकारी नहीं मिली थी। मामला कायम कर पुलिस ने नाबालिग को को दस्तायाब कर उसके बयान दर्ज किये। अपने बयानो में नाबालिग ने बताया की वह घर से निकलकर मंदिर जा रही थी। इसी दौरान रास्ते मे आरोपी मनीष यादव अपनी बाइक से आया और उसके रोकते हुए जबरदस्ती पकडकर मारने की धमकी देते हुए अपनी बाइक पर बैठाकर अपने घर ले गया। वहॉ आरोपी ने 4 चार दिन उसे बंधक बनाकर रखते हुए गलत काम करता रहा। किशोरी जब उसका विरोध करते हुए जाने का कहती तब आरोपी मनीष उसे जान से मारने की धमकी देता था। बाद में पुलिस ने उसे बरामद कर लिया। थाना पुलिस ने मामला कायम कर जॉच के बाद कोर्ट में चालान पेश किया। अभियोजन द्वारा पेश किये गये साक्ष्य, तर्को, दस्तावेजी साक्ष्य से सहमत होने के साथ ही वैज्ञानिक साक्ष्य (डीएनए) प्रमाणित होने के आधार पर आरोपी मनीष यादव को धारा 376 (2)(एन), 376(3) भादवि एवं 5आई/6 पॉक्सो भादवि में 20 साल का का सश्रम कारावास सहित 7 हजार रूपये के अर्थदण्ड एवं धारा 363, 366 भादवि मे 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किये जाने का फैसला सुनाया है।