इन्दौर | अपर सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार शर्मा की कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के ऐनवक्त पर हुए एक नाटकीय घटनाक्रम में कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए डॉ. अक्षय बम की रिवीजन याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जेएमएफसी कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता है। प्रकरण में अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी। प्रकरण कहानी अनुसार लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम तथा उनके पिता कांति बम के खिलाफ 17 साल पुराने मामले में धारा 307 बढ़ाई गई थी। इस मामले में उन्हें कोर्ट में भी पेश होना था, लेकिन उन्हें हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिल गई थी। मामले पर अक्षय बम ने धारा 307 हटाने को लेकर रिवीजन याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब अपर सत्र न्यायालय ने अक्षय बम की याचिका खारिज करते कहा कि जेएमएफसी कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता है। अर्थात अब अक्षय बम के खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा में केस चलेगा।