शेख हसीना 3 माह पहले बता चुकीं थीं राजनीतिक पतन की कहानी
ढाका । बांग्लादेश हो चल रही खूनी हिंसा के पीछे की कई कहानियां निकलकर आ रहीं हैं। कभी कहा जाता है कि पाकिस्तान और चीन इस हिंसा के पीछे काम कर रहा है लेकिन इसके पीछे एक वाइट मैन भी छिपा हुआ है। हसीना के दुखद राजनीतिक अंत की शुरुआत मई में तब शुरू हो गई थी जब उन्होंने इसका सार्वजनिक तौर पर जिक्र किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है। तब हसीना ने कहा था- अगर में इस खास देश को एयरबेस बनाने की इजाजत दे देती हूं तो मेरे लिए कोई परेशानी नहीं होगी। कौन है सवाल के जवाब पर तब हसीना ने अमेरिका का नाम खुलकर तो नहीं लिया, लेकिन कहा कि वाइट मैन से उन्हें ऐसी धमकियां मिल रही हैं। शेख हसीना ने बांग्लादेश में तख्तापलट से तीन महीने पहले ही अपने दुखद राजनीतिक पतन की भविष्यवाणी कर दी थी। उन्होंने दावा किया था कि उनकी सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचे जा रहे हैं और उनके पिता और स्वतंत्रता नायक शेख मुजीबुर रहमान की तरह उनकी भी हत्या की जा सकती है। उन्होंने बांग्लादेश और म्यांमार को मिलाकर एक नया ईसाई देश बनाने की वाइट मैन की साजिश का भी आरोप लगाया था।
हसीना ने मई में कहा था, अगर मैं किसी खास देश को बांग्लादेश में एयरबेस बनाने की इजाजत देती, तो मुझे कोई दिक्कत नहीं होती। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव एक वाइट मैन की ओर से आया था, लेकिन उन्होंने किसी देश का नाम नहीं बताया। हालांकि उनकी बातों से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे अमेरिका की तरफ इशारा कर रही हैं। हसीना के मुताबिक, उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, अभी और परेशानी होगी।हसीना ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश और म्यांमार को ईसाई देश बनाने का दबाव डाला जा रहा था। हसीना के मुताबिक, उन्होंने कहा था, पूर्वी तिमोर की तरह। वे बांग्लादेश (चटगाँव) और म्यांमार के कुछ हिस्सों पर कब्जा करके बंगाल की खाड़ी में अपना आधार बनाकर एक ईसाई देश बनाएंगे। हालांकि, उन्होंने (हसीना) किसी भी दबाव के आगे न झुकने की कसम खाई थी। गौरतलब है कि बांग्लादेश में पिछले दो महीनों से कोटा में आरक्षण को लेकर छात्रों का उग्र प्रदर्शन चल रहा था। हालांकि दो दिन पहले अचानक प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया और अराजकता फैल गई। रविवार को सबसे भीषण प्रदर्शन हुए, जिसमें पुलिस के साथ झड़प में 100 से ज़्यादा प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से अब तक कुल मौतों की संख्या 400 से ज़्यादा हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को प्रधानमंत्री के आवास पर हमला किया, लेकिन हसीना पहले ही इस्तीफा देकर सैन्य विमान से देश छोड़ चुकीं थी। इसी साल जनवरी महीने में शेख हसीना पांचवीं बार चुनाव जीतकर सत्ता के शीर्ष पर विराजमान हुईं। हालांकि इस बार उनके लिए हालात शुरू से बेहतर नहीं थे। पहले चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों ने चुनाव का बहिष्कार किया फिर दो महीने पहले आरक्षण को लेकर सुलगी आग ने पूरे देश को दंगों में झोंक दिया। अगस्त आते आते हालत ये हो गए कि शेख हसीना को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा। अभी वो भारत की शरण में हैं और अपने पक्के ठिकाने के लिए ब्रिटेन की तरफ टकटकी लगाए हुए हैं।