:: भगवान पारसनाथ स्वामी के मोक्ष कल्याणक अवसर पर अभिषेक-शांतिधारा का आयोजन हुआ ::
:: निर्वाण लाडू चढ़े, युवाओं के लिए लगा विशेष शिविर ::
इन्दौर । बदला लेने का आनंद एक दिन का होता है क्षमा करने का आनंद जीवन भर मिलता है। अपने मन को बड़ा कीजिए जीवन में आनंद आ जाएगा। उक्त विचार आचार्य विद्यासागर महाराज के शिष्य मुनि प्रमाण सागर महाराज ने रेसकोर्स रोड़ स्थित मोहता भवन में जारी चातुर्मासिक प्रवचनों की श्रृंखला में सभी श्रावक-श्राविकाओं को धर्मसभा में संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मुनिश्री ने कहा कि मरूभूमि और कमठ सगे भाई थे लेकिन एक जरा सी बात पर उनका बैर दस भव तक चलता रहा। मुनिश्री ने कहा इस घटना से पारसनाथ भगवान को तो दस भव लग गए, आप लोगों को कितने भव लगेंगे ? इस घटना से सभी लोगों को सबक सीखना चाहिए। मेरे सम्बोधन के बाद सभी का हृदय परिवर्तन होना चाहिए। जिससे भी बदला लेने का भाव हो उससे आज ही क्षमा मांग लेना। उन्होंने कहा कि मन बड़ा होगा तो जीवन में सिर्फ आनंद ही आनंद आएगा। प्रयोगात्मक रुप से उपस्थित जन समुदाय से एक मिनट के लिए आंख बंद करके कहा कि आप सभी उन लोगों को याद करें जिससे आपके साथ कभी बैर हो गया हो। आपके अंतस में वह सभी नाम आ गए होंगे। आप उनसे बदला लेना चाहते हो या क्षमा करके जीवन भर का आनंद ? बदला लेने का भाव मत रखो, बदल देने का भाव रखो, तो आपके जीवन में आनंद ही आनंद छा जाएगा।
धर्म प्रभावना समिति एवं प्रचार प्रमुख राहुल जैन, अविनाश जैन, नवीन-आनंद गोधा एवं हर्ष जैन ने बताया कि रविवार को प्रात 6.30 बजे से मंगलाष्टक अभिषेक एवं शांतिधारा के उपरांत नवदेवता एवं जैन धर्म के 23 वे तीर्थंकर भगवान पारसनाथ का मोक्ष कल्याणक मनाया गया। इस अवसर पर बच्चों ने अपने घर से लाड़ू सजाकर लाए थे उन सभी को पुरस्कृत भी किया गया तथा सम्मेद शिखर की रचना करके मुनिश्री के सानिध्य में लाडू चड़ाया गया। आचार्य विद्यासागर महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर मंगलाचरण किया गया एवं इन्दौर शहर के विभिन्न महिला मंडलों ने अपनी भक्ती करते हुए अष्ठ द्रव्य समर्पित किए। इस अवसर पर भारत के विभिन्न प्रदेशों तथा नगरों से आए गुरुभक्तों ने मुनिश्री का पाद-पक्षालन किया तथा श्रीफल समर्पित कर पुण्यलाभ अर्जित किया। धर्म प्रभावना समिति के पदाधिकारियों ने अतिथियों का सम्मान कर लाड़ू प्रतियोगिता के बच्चो को पुरस्कार वितरण किए। रविवार को मंच पर मुनिश्री निर्वेग सागर एवं मुनिश्री संघान सागर महाराज सहित समस्त क्षुल्लक महाराज उपस्थित थे। दोपहर 3 बजे युवाओं के लिए विशेष शिविर आयोजित किया गया जिसमें सभी ने अपनी जिज्ञासाओं का समाधान भी पाया। युवा शिविर में लगभग 6000 हजार से अधिक युवा जुटे थे। वहीं शाम को शंका समाधान में भी रविवार को बड़ी संख्या में जैन धर्मावलंबियों ने भाग लिया। मोक्ष कल्याण निर्वाण लाडू के मुख्य लाभार्थी आकाश-डाली कोयला परिवार थे। मोहता भवन में प्रवचन के दौरान अध्यक्ष अशोक-रानी दोषी, रितेश पाटनी, दिलीप गोधा, भरत मोदी, मनोज बाकलीवाल, विशाल जैन, पवन सिंघई, विशाल जैन (नसिया), सहित समग्र दिगंबर जैन समाज बंधु मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन अभय भैया एवं अशोक भैया द्वारा किया गया।
:: दो सामाजिक संसद को एक करने का आदेश ::
मुनिश्री ने कहा कि इन्दौर की समाज से कहा मुझे कल एक समाचार पत्र के माध्यम से जानकारी मिली की सामाजिक संसद के दो अलग-अलग संगठन है। उन्होंने कहा कि प्रबुद्ध और छोटी सी जैन समाज इस प्रकार से सामाजिक संसद के दो-दो अध्यक्ष कितना हास्यास्पद लगता है? यह एक अच्छी परंपरा नहीं है मैं इस मंच से आव्हान करता हूं कि अपनी मनोवृत्ति को निर्मल बनाइए और मन की मलीनता को समाप्त कर दोनों अध्यक्ष अपना इस्तीफा देकर सामाजिक एकता को मजबूत कीजिए और नेक बनने का पुरूषार्थ कीजिए।
:: भारत भूमि पवित्र भूमि है यहां संतों की साधना निरंतर चलती रहती है ::
इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भारत भूमि एक ऐसी पवित्र भूमि है, जंहा संतों की साधना निरंतर चलती रहती है। इदौर वाले बहुत सौभाग्यशाली है जिनको गुरुवर मुनिश्री प्रमाण सागर का सानिध्य और जीवन को परिवर्तन करने वाले उपदेश मिल रहे है।