विंग कमांडर से पायलट बाबा…………अंतिम समाधि देवभूमि में

नई दिल्‍ली । पायलट बाबा का जीवन रहस्‍यों से भरा रहा… उन्‍होंने अश्वत्थामा से मिलने जैसे कई दावे किए, जिनपर विश्‍वास कर पाना बेहद मुश्किल होता है। कहा जाता है कि पायलट बाबा ने पूरे जीवन में 110 बार समाधि ली थी। अब पायलट बाबा को अंतिम समाधि देवभूमि उत्‍तराखंड में दी जाएगी। पायलट बाबा का असली नाम कपिल सिंह था, संन्‍यास यात्रा शुरू करने से पहले वे वायु सेना में एक विंग कमांडर रहे। इसलिए उनका नाम पायलट बाबा पड़ गया था। पायलट बाबा ने 1965 और 1971 की जंग लड़ी थी और इस दौरान पाकिस्‍तान की नींद उड़ा दी थी। जंग के दौरान ही उन्‍हें अध्‍यात्‍म की ओर जाने की राह मिली थी।
देशभर में सनातन संस्कृति और योग से धर्म जागरण में अग्रणी महामंडलेश्वर पायलट बाबा सोमनाथ गिरी महाराज का मंगलवार को मुंबई के एक अस्पताल में देहावसान हो गया। इससे जूना अखाड़े सहित समस्त संत समाज व अखाड़े में शोक की लहर व्याप्त हो गई।
जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरी महाराज के निर्देश पर जूना अखाड़े की प्रदेश में स्थित सभी शाखाओं, आश्रमों और मुख्य पीठों पर शोक सभा व शांति पाठ किया जा रहा है। जूना अखाड़े ने तीन दिन का शोक घोषित किया है। इन तीन दिनों में पायलट बाबा की आत्मा की शांति के लिए शांति पाठ, हवन और विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। श्री महंत हरि गिरी महाराज ने श्रद्धांजलि देकर कहा कि पायलट बाबा सच्चे योगी व समाज, देश की सेवा को तत्पर रहते थे। वह 1974 में विधिवत दीक्षा लेकर जूना अखाड़े में शामिल हुए और अपनी संन्यास यात्रा प्रारंभ की।
1998 में महामंडलेश्वर पद पर आसीन होने के बाद उन्हें 2010 में उज्जैन में प्राचीन जूना अखाड़ा शिवगिरी आश्रम नीलकंठ मंदिर में जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर पद पर अभिषिक्त किया गया था। तब भव्य पेशवाई ओर शाही स्नान का आयोजन हुआ था। श्री महंत हरि गिरी महाराज ने कहा कि पायलट बाबा की अंतिम इच्छा अनुसार उन्हें उत्तराखंड की पावन भूमि में समाधि दी जाएगी।
नीलगंगा और हरिद्वार में हुई श्रद्धांजलि सभा
उज्जैन में जूना अखाड़ा नीलगंगा पर सचिव श्रीमहंत रामेश्वर गिरी महाराज, थानापति महंत देव गिरी महाराज, अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता डॉ. गोविन्द सोलंकी सहित अन्य भक्तों ने पायलट बाबा को श्रद्धांजलि दी। हरिद्वार में पायलट बाबा के ब्रह्मलीन होने पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत महेश पुरी, सचिव श्रीमहंत शैलेंद्र गिरी, श्रीमहंत पूर्ण गिरी, श्रीमहंत सुरेशानंद सरस्वती, कोठारी महंत महाकाल गिरी, महंत रतन गिरी, महंत हीरा भारती, महंत गौतम गिरि, महंत आकाश पुरी, महंत धीरेंद्र पुरी आदि ने श्रद्धांजलि दी।
उज्जैन के शैलेषानंद गिरि ने 40 साल पहले ली थी संन्यास दीक्षा
उज्जैन के महामंडलेश्वर स्वामी शैलेषानंद गिरि महाराज ने कहा कि 40 साल पहले अखाड़े में शामिल होने के बाद संन्यास दीक्षा ली। 2016 में महामंडलेश्वर पद पर आसीन किया था। महाराज जी ने मुझे सदैव पिता समान स्नेह दिया। उनकी विदाई बेला में मैं अभी मुंबई में हूं। जूना अखाड़े में योगमाता श्रद्धाजी, चेतना जी सहित अनेक लोग उनके चले जाने से स्तब्ध हैं।
महामंडलेश्वर सुमनानंद गिरी ने दी श्रद्धांजलि
मौनतीर्थ पीठ के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर डॉ. सुमनानंद गिरि महाराज ने पायलट बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित कर आत्मिक शांति की प्रार्थना की। श्री मौनतीर्थ पीठ में आयोजित शोकसभा में आश्रम परिवार और ब्रह्मर्षि श्रीश्री मौनीबाबा वेद विद्यालय परिवार ने श्रद्धांजलि दी। पायलट बाबा श्री मौनतीर्थ पीठ से गहरे जुड़े रहे और दो तीन बार आश्रम पधारे थे।