लखनऊ। सपा से भाजपा में आईं स्व मुलायम सिंह की बहु अपर्णा यादव अपनी ही पार्टी से खुश नहीं हैं। उन्हे हाल ही में उत्तर प्रदेश में महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है लेकिन माना जा रहा है कि ये पद उन्हे स्वीकार नहीं है। हालांकि उन्होंने कभी सार्वजनिक तौर पर कोई आपत्ति दर्ज नही की, लेकिन भीतरखाने से खबरें आ रहीं है कि अपर्णा इस पद को खुद के अनुरूप नहीं मान रहीं हैं। जानकारी के मुताबिक इसी मुद्दे को लेकर उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और अपनी बात रखी। इसके बाद सियासी घमासान तब और अधिक बढ़ गया जब अपर्णा ने अपने चाचा ससुर और शिवपाल सिंह से मुलाकात कर ली।
अपर्णा, सपा संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू हैं। वे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। हाल ही में 3 सितंबर को यूपी सरकार ने आधिकारिक सूचना जारी की और अपर्णा को राज्य महिला आयोग में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। खबरें आईं कि अपर्णा पार्टी से नाराज हैं और उपाध्यक्ष पद स्वीकारने का तैयार नहीं हैं। इस पद को उनके कद के अनुरूप नहीं माना जा रहा है। हालांकि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया। कयास इसलिए लगाए गए, क्योंकि आयोग के पैनल में शामिल अन्य सदस्यों ने पदभार ग्रहण कर लिया, लेकिन अपर्णा ने अब तक जॉइन नहीं किया है।इस बीच, योगी सरकार के मंत्री दयाशंकर सिंह भी अपर्णा यादव से मिलने उनके घर पहुंचे। दोनों के बीच इस मुद्दे पर लंबी बातचीत हुई। सूत्रों के मुताबिक, दयाशंकर ने अपर्णा यादव को आश्वासन दिया कि वे इस मसले को शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाएंगे। फिर खबर आई कि अपर्णा ने अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात की है। नाराजगी के बीच इस मुलाकात पर भी कयासबाजी होने लगी।
अब सोमवार को अपर्णा और उनके पति प्रतीक यादव लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचे। यहां काफी देर तक बातचीत हुई। इस मुलाकात को नाराजगी की खबरों से जोड़कर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऑफिस ने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया और लिखा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज से आज लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती अपर्णा बिष्ट यादव जी ने अपने पति प्रतीक यादव जी के साथ शिष्टाचार भेंट की।
इस ट्वीट के बाद माना जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद अपर्णा यादव मान गई हैं। योगी आदित्यनाथ ऑफिस के एक्स हैंडल पर अपर्णा को महिला आयोग की उपाध्यक्ष बताकर संबोधित किया गया है।इससे पहले अपर्णा यादव ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से बात की थी। सूत्रों का कहना था कि अपर्णा ने इस बातचीत में चौधरी के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की थी। हालांकि चौधरी ने उन्हें सलाह दी थी कि वे पद स्वीकार कर लें क्योंकि कोई भी पद छोटा या बड़ा नहीं होता है। इसके बावजूद अपर्णा ने यह पद अब तक स्वीकार नहीं किया। इतना ही नहीं, लखनऊ में अपर्णा के सम्मान में कई जगह स्वागत के पोस्टर लगाए गए, लेकिन उन्होंने किसी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं की और न ही किसी बधाई संदेश का जवाब दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी अब तक इस विषय पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। सूत्रों का यह भी कहना है कि अपर्णा यादव ने शुक्रवार सुबह गृह मंत्री अमित शाह से भी इस मुद्दे पर बातचीत की, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, इसकी जानकारी भी सामने नहीं आई है। अपर्णा ने 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और हार गई थीं। उसके बाद वे जनवरी 2022 में बीजेपी में शामिल हो गईं