:: ग्राम पंचायत बेहतर तरीके से कार्य क्रियान्वयन कर एक अलग पहचान स्थापित कर सकती है : संभागायुक्त सिंह
:: इन्दौर में महिला पंचायत प्रतिनिधियों की जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ ::
:: कार्यशाला को जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मालवीय, सीईओ जैन ने भी संबोधित किया ::
इन्दौर । पंचायती राज अधिनियम के तहत महिला प्रतिनिधि विकास की नए आयाम लिखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, आवश्यकता है कि महिला प्रतिनिधि पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे आए। पंचायत के प्रतिनिधि पंच परमेश्वर की भूमिका में है। ग्राम पंचायत के विकास में महिला प्रतिनिधि किसी से कम नहीं है।
यह बात संभागायुक्त दीपक सिंह ने आज जाल सभागृह में आयोजित महिला पंचायत प्रतिनिधियों की एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा पंचायत राज व्यवस्था को सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए है। उन्होंने महिला पंचायत प्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र के विकास को और बेहतर तथा प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने के संबंध में प्रोत्साहित किया गया।
कार्यशाला में जिला पंचायत अध्यक्ष रीना सतीश मालवीय, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिद्धार्थ जैन, उप पुलिस अधीक्षक उमाकांत चौधरी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष भरत पटेल, जनपद पंचायत देपालपुर अध्यक्ष सुशीला पंवार, आईआईएम इन्दौर फैकल्टी शानू मेहता सहित बड़ी संख्या में महिला पंचायत प्रतिनिधि गण उपस्थित थे।
जिला पंचायत अध्यक्ष रीना मालवीय ने कहा महिलाएं आज पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर विकास के क्षेत्र में कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के सपनों को साकार करने के लिए जिले में लगातार प्रयास किये जा रहे है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिद्धार्थ जैन ने कार्यशाला के उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा जिले के विकास की इकाई ग्राम पंचायत होती है। ग्राम पंचायत बेहतर विकास के साथ कार्य करते हुए सुदृढ़ विकास की अवधारणा को साकार करने में सक्षम है। उन्होंने महिला प्रतिनिधिगण से पंचायती राज के तहत प्रदत्त अधिकारों और अधिनियमों के माध्यम से बेहतर विकास को क्रियान्वित करने की बात कही।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष भरत पटेल ने कहा पंचायती राज व्यवस्था के साथ महिला पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा किये जा रहे विकास के कार्यों के संबंध में जानकारी देते हुए अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यशाला में उप पुलिस अधीक्षक उमाकांत चौधरी ने तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के प्रावधानों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने महिला अपराध, लैंगिक समानता तथा उनसे संबंधित वैधानिक प्रावधानों महिला सुरक्षा, कम्युनिटी पुलिसिंग, सायबर सुरक्षा सहित अन्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यशाला में आईआईएम फैकल्टी शानू मेहता ने बहुत ही सहज उदाहरणों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण और नेतृत्व क्षमता विकास के संबंध में अपनी बात रखी। कार्यालय में वित्तीय साक्षरता समावेशन, बैंकिंग कार्य, पंचायतों से संबंधित विभिन्न पोर्टल, ऑनलाइन कार्यों, सतत विकास लक्ष्यों, जीपीडीपी, स्वच्छता ही सेवा 2024 स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता अभियान में पंचायतों की भूमिका विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कार्यालय में विभिन्न ग्राम पंचायतों की सरपंच गण द्वारा उनके क्षेत्र में किये जा रहे विकास कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। कार्यशाला में अतिथिगण का पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यशाला में उपायुक्त विकास एवं परियोजना अधिकारी अनिल पंवार, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन संजय तिवारी सहित बड़ी संख्या में महिला पंचायत प्रतिनिधिगण, अधिकारीगण उपस्थित थे।