बियाबानी में सजता है लम्बोदर का दरबार ; विदेशों से भी भक्त पहुंचते हैं दर्शन-पूजन करने

:: 10 दिवसीय गणेशोत्सव में सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़े कई गणमान्य होते हैं महाआरती में शामिल ::
:: बियाबानी के राजा का यह 35 वां वर्ष था, महाप्रसादी में हजारों भक्तों ने ग्रहण की प्रसादी ::
:: 80 से अधिक युवाओं ने संभाली व्यवस्था, पंगत की जगह टेबल-कुर्सी पर परोसी प्रसादी ::
इन्दौर । बियाबानी स्पोर्ट्स क्लब में 35 वर्षों से लगातार भगवान गणेश की स्थापना की जा रही है। गणेशजी की स्थापना के साथ-साथ यहां लंबोदर का पूरा दरबार सजाया जाता हैं साथ ही 10 दिवसीय उत्सव के दौरान अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं। प्रतिदिन धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़े कई गणमान्य नागरिक यहां की महाआरती में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण करते हैं। 10 दिवसीय गणेशोत्सव के अंतिम दिन विशाल भंडारे का आयोजन होता हैं जिसकी कमान यहां के पदाधिकारियों के साथ ही युवाओं के हाथों में होती है।
बियाबानी स्पोट्र्स क्लब एवं गणेशोत्सव समिति प्रमुख शशि खताबिया, ऋषि एवं सतीश खताबिया ने बताया कि जनसहयोग से होने वाले इस 10 दिवसीय गणेशोत्सव में आसपास के रहवासियों के साथ ही दूर-दराज से भी भक्त बड़ी संख्या में यहां पहुंचकर लंबोदर के दर्शन-पूजन करते हैं। वहीं विदेशों के भक्तों की आस्था भी यहां से जुड़ी हैं वह भी 10 दिनों में एक बार हाजरी लगाने यहां जरूर पहुंचते हैं। खताबिया बताते हैं कि शुरूआती दौर में यह आयोजन छोटे स्तर पर आयोजित होता था लेकिन अब यह बड़े स्वरूप में आयोजित होता है। जिसमें बच्चों सहित महिलाओं के लिए सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। जिसमें सभी बढ़-चढक़र हिस्सा लेते हैं। 10 दिवसीय गणेशोत्सव के अंतिम दिन महाप्रसादी का आयोजन भी होता है जिसमें हजारों भक्त भोजन प्रसादी ग्रहण करते हैं।
:: टेबल-कुर्सी पर परोसी महाप्रसादी ::
शशि खताबिया ने बताया कि भंडारे में टेबल-कुर्सी लगाकर श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी परोसी गई। टेबल-कुर्सी लगने से भंडारे में कोई भी अव्यवस्था नहीं हुई और सभी भक्तों ने आसानी से भोजन प्रसादी ग्रहण की। भोजन प्रसादी में पदाधिकारियों के साथ ही 80 से अधिक युवाओं ने परोसगारी की। गणेशोत्सव समिति पदाधिकारियों द्वारा भक्तों को झूठन नहीं छोडऩे का संदेश भी दिया गया। शाम 7 बजे से प्रारंभ विशाल महाप्रसादी अंतिम भक्त आने तक जारी रही। भोजन प्रसादी में पुड़ी, रामभाजी, नुकती व भजिए का प्रसाद श्रद्धालुओं को परोसा गया।