आरबीआई के इस कदम का उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना
मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दो हजार रुपए के नोटों पर बड़ा अपडेट देते हुए कहा कि चलन से बाहर हुए इन नोटों का 98 फीसदी हिस्सा अब तक वापस आया है। 19 मई 2023 को 2000 रुपए के नोटों को बंद करने घोषणा की गई थी। उस समय बाजार में इन नोटों का कुल मूल्य करीब 3.6 लाख करोड़ रुपए था। अब यह आंकड़ा घटकर सिर्फ 7,117 करोड़ रह गया है, जो यह बताता है कि ज्यादातर 2000 हजार के नोट जमा हो गए या एक्सचेंज करा लिए गए हैं।
आरबीआई के आंकड़ों के बाद स्पष्ट हो गया है कि 2000 रुपए के नोट अब करीब पूरी तरह से चलन से बाहर हो चुके हैं। 8 नवंबर 2016 को जब भारत में नोटबंदी लागू की गई थी, उस समय 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद कर दिया गया था और 2000 रुपए के नोटों को चलन में लाया गया था ताकि नकदी संकट से निपटा जा सके लेकिन 2023 में आरबीआई ने इन्हें धीरे-धीरे वापस लेने का फैसला लिया। लोगों को 7 अक्टूबर 2023 तक अपने 2000 रुपए के नोट जमा करने या बदलवाने की सुविधा दी गई थी। इसके बाद भी, जो लोग समय सीमा में अपने नोट जमा नहीं कर पाए थे, उन्हें आरबीआई के 19 रीजनल ऑफिस और डाकघरों के जरिए से यह सुविधा दी गई।
आरबीआई ने पहले एक सितंबर 2024 को भी एक अपडेट जारी किया था, जिसमें यह बताया गया था कि 30 अगस्त 2024 तक 2000 रुपए के कुल 3.56 लाख करोड़ रुपए के नोट वापस आ चुके हैं। तब बैंकिंग प्रणाली में 7,261 करोड़ रुपए के नोट चलन में थे, जो अब घटकर 7,117 करोड़ रुपए रह गए हैं। आरबीआई ने कहा है कि 2000 रुपए के नोटों की वैधता अब भी बरकरार है, यानी यह नोट अब भी लीगल टेंडर हैं और अवैध घोषित नहीं किए गए हैं लेकिन आरबीआई समय-समय पर बुलेटिन जारी करके नोटों की स्थिति और उनके आंकड़े प्रस्तुत कर रहा है। आरबीआई के इस कदम का उद्देश्य बाजार में नकदी प्रवाह को नियंत्रित करना और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है। 2000 रुपए के नोट की जगह अब छोटे मूल्यवर्ग के नोटों और डिजिटल भुगतान प्रणाली पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।