नोएडा और दिल्ली के बीच आसान होगा सफर जल्द मिलेगी नए एलिवेटेड रोड की सौगात

नई दिल्ली । अब उत्तर प्रदेश में एलिवेटेड सड़क का काम फिर शुरु होने जा रहा है। इससे यातायात सुगम होगा और लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। नोएडा और दिल्ली के बीच यातायात को सुगम बनाने के लिए चिल्ला एलिवेटेड रोड परियोजना पर लंबे समय से रुके हुए काम को फिर से शुरू करने के लिए यूपी सरकार ने 892.7 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
यह सड़क दिल्ली के मयूर विहार को नोएडा के महामाया फ्लाईओवर से जोड़ेगी। बता दें कि 2012 में इस एलिवेटेड रोड की योजना बनाई गई थी ताकि नोएडा और दिल्ली के बीच यातायात को कम किया जा सके, लेकिन यह परियोजना कई अड़चनों का सामना करती रही। छह साल तक इस पर कोई खास प्रगति नहीं हुई और 2018 में दिल्ली सरकार से इसकी मंजूरी मिली। शुरू में इसका बजट 605.3 करोड़ रुपये तय किया गया था, जिसे राज्य सरकार और नोएडा अथॉरिटी ने साझा करना था।
यह एलिवेटेड रोड 5.9 किलोमीटर लंबी होगी और इसमें छह लेन होंगी, जिससे दिल्ली और नोएडा के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कनेक्टर बनेगी। नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एम के अनुसार, काम अगले महीने फिर से शुरू होने की संभावना है। हम राज्य सरकार की व्यय वित्त समिति के लिए एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जिसे जल्द ही पूरा किया जाएगा। जून में, ब्रिज कॉर्पोरेशन ने पंचकूला स्थित एमजी कॉन्ट्रैक्टर्स को इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए चुना था। मंगलवार को इसके संयुक्त प्रबंध निदेशक संदीप गुप्ता ने बताया कि काम तभी शुरू होगा जब नोएडा अथॉरिटी से औपचारिक स्वीकृति मिल जाएगी। उन्होंने कहा, स्वीकृति मिलने के बाद ठेकेदार को काम शुरू करने के लिए ‘लेटर ऑफ अवार्ड’ जारी किया जाएगा।
एक उच्चस्तरीय बैठक में यह बजट मंजूर किया गया, जिसकी अध्यक्षता इन्फ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास आयुक्त ने की। हालांकि, यह राशि 937.9 करोड़ रुपये से कम है, जिसकी मांग उत्तर प्रदेश स्टेट ब्रिज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएसबीसीएल) ने की थी, जो इस परियोजना का निर्माण कार्य देख रही है।जनवरी 2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना का शिलान्यास किया, जिसके बाद नोएडा अथॉरिटी के फंड से प्रारंभिक काम शुरू हुआ। हालांकि, लोक निर्माण विभाग से फंड की रिलीज़ में देरी, गैल पाइपलाइन के रूट में बदलाव और अतिरिक्त निर्माण कार्य की जटिलताओं ने परियोजना को प्रभावित किया। मार्च 2020 में कोविड महामारी के कारण यह काम पूरी तरह से रुक गया। अब तक इस परियोजना का केवल 13 प्रतिशत काम पूरा हुआ है, जिसमें नोएडा अथॉरिटी ने 79 करोड़ रुपये जारी किए हैं। जून 2023 में राज्य कैबिनेट ने इस परियोजना के लिए 787 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी, जिसमें लागत को राज्य सरकार और नोएडा अथॉरिटी ने बराबर-बराबर साझा किया था। अक्टूबर 2023 में ब्रिज कॉर्पोरेशन ने बजट को बढ़ाकर 940 करोड़ रुपये करने का अनुरोध किया, यह तर्क देते हुए कि 787 करोड़ रुपये का टेंडर 2018 की दरों पर आधारित था। नोएडा अथॉरिटी ने यह अनुरोध राज्य सरकार को भेजा, जिसने नए खर्च की सैद्धांतिक मंजूरी दी। नवंबर 2023 में 787 करोड़ रुपये के टेंडर के लिए छह कंपनियों ने भाग लिया, लेकिन चार अयोग्य साबित हुईं और बाकी दो ने टेंडर दरों से काफी अधिक कीमतें उद्धृत कीं।