नई दिल्ली । पाकिस्तान विदेश मंत्रालय कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान को एस जयशंकर की यात्रा के संबंध में आधिकारिक तौर पर सूचना मिल गई है। हम सभी सदस्यों का स्वागत करने के लिए तैयार है। बता दें कि 15 और 16 अक्टूबर को चीन समर्थित शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) की 23वीं बैठक होनी है। भारत पहले ही पड़ोसी मुल्क को यह साफ कर चुका है कि इस बैठक में भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी भाग नहीं लेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर भारतीय दल को लीड करेंगे। साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच इस दौरान कोई बाइलेट्रल टॉक नहीं होगी।
जयशंकर ने भारत के रुख को साफ करते हुए कहा था कि जब तक पाकिस्तान अपना आतंक समर्थित रवैया नहीं छोड़ेगा, दोनों देशों के बीच बाइलेट्रल टॉक का कोई मतलब नहीं है। अब इस मामले में बौखलाए पाकिस्तान का जवाब भी सामने आ गया है।पाकिस्तान विदेश मंत्रालय कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान को एस जयशंकर की यात्रा के संबंध में आधिकारिक तौर पर सूचना मिल गई है। हम सभी सदस्यों का स्वागत करने के लिए तैयार है। बाइलेटरल मीटिंग पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, मैं चाहूंगा कि आप 5 अक्टूबर को भारतीय विदेश मंत्री द्वारा की गई टिप्पणी का संदर्भ लें, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी यात्रा एक मल्टीलेट्रल कार्यक्रम के लिए है न कि पाकिस्तान-भारत संबंधों पर चर्चा करने के लिए। ये टिप्पणियां खुद-ब-खुद स्पष्ट है। पाकिस्तान का दौरा करने वाली आखिरी भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं। वह दिसंबर 2015 में अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद गई थीं। जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे नई दिल्ली की ओर से एक बड़े फैसले के रूप में देखा जा रहा है। पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में फरवरी 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर भारत के युद्धक विमानों द्वारा बमबारी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध गंभीर तनाव में आ गए थे।